राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के 93, केन्द्रीय भण्डारण निगम के 12 एवं 157 निजी वेयर हाउसेज बनेंगे निजी गौण मण्डी

मुख्यमंत्री ने लॉक डाउन के मध्यनजर वेयर हाउसेज को गौण मण्डी का दर्जा देने की स्वीकृति दी 
जयपुर। राज्य सरकार ने लॉक डाउन के बीच किसानों के लिए कृषि उपज बेचना आसान बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम व केन्द्रीय भण्डारण निगम के वेयर हाउसेज को गौण मण्डी का दर्जा देने की स्वीकृति प्रदान की है। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार कोरोना वायरस संक्रमण एवं लॉक डाउन के मध्यनजर किसानों के लिए उनकी उपज नजदीक ही बेचने की व्यवस्था करने के लिए कई कदम उठा रही है। इसी क्रम में कृषि विपणन विभाग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम व केन्द्रीय भण्डारण निगम के वेयर हाउसेज को निजी गौण मण्डी घोषित करने की दृष्टि से अनुज्ञा पत्र शुल्क, प्रतिभूति शुल्क व न्यूनतम क्षेत्रफल की शतोर्ं में छूट देने के प्रस्ताव प्रस्तुत किये थे। साथ ही राज्य में वेयरहाउस डेवलपमेंट एंड रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) में पंजीकृत निजी वेयर हाउसेजों को भी शर्तों में छूट के प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे। मुख्यमंत्री की ओर से इन प्रस्तावों को स्वीकृति देने से राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के 93 वेयर हाउसेज, केन्द्रीय भण्डारण निगम के 12 वेयर हाउसेज एवं डब्ल्यूडीआरए में पंजीकृत 157 निजी वेयर हाउसेजों को निजी गौण मण्डी के रूप में अधिसूचित किया जाना सम्भव हो सकेगा। कृषि मंत्री कटारिया ने बताया कि कोविड-19 के प्रभाव के मध्यनजर पहले ही  कृषि उपज को खेत-गांव के समीप ही बेचने की दृष्टि से 560 सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 1375 कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वेयरहाउसेज एवं सहकारी समितियों को गौण मंडी का दर्जा देने और कृषि प्रसंस्करण इकाइयों को सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र जारी करने से काश्तकारों को सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए प्रतिस्पद्र्धात्मक मूल्य पर अपनी उपज बेचने का नजदीक ही वैकल्पिक प्लेटफार्म उपलब्ध हो सकेगा।