टिक-टॉक को अरबों का नुकसान: केन्द्र सरकार के एक फैंसलें ने चीन के छुडाये पसीने

कुछ माह से चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन अपनी ही हरकतों से अरबों का नुकसान उठाएगा। इतना ही नहीं कई प्रमुख देशों की आँखों में खटकने लगा है। मोदी सरकार के फैसले की वजह से चीन के पसीने छूटने लगे हैं। दरअसल, सरकार ने जिन 59 ऐप्स को प्रतिबंधित किया था, उसकी वजह से चीन को अब अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है। चीन का मानना है कि महज टिकटॉक के बैन होने से ही छह बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान होने वाला है। ऐसे में संभव है कि चीन अगले किसी भी विवाद को खड़ा करने से पहले कई बार सोचे। चीन सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने टिकटॉक के बैन होने से कंपनी को होने वाले नुकसान को लेकर ट्वीट किया है। ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ट्वीट किया, ‘चीनी इंटरनेट कंपनी बाइटडांस- जोकि टिकटॉक की पैरेंट कंपनी है, उसे भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बाद भारत सरकार द्वारा बैन किए जाने की वजह से 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। यह जानकारी ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दी है।बैन होने से पहले टिकटॉक भारत में काफी मशहूर वीडियो ऐप थी। इस ऐप के करीब 20 करोड़ यूजर्स थे, जो ऐप पर शॉर्ट वीडियोज अपलोड करते थे। केंद्र सरकार ने बीते दिनों इस ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा हेलो, यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर समेत 58 और चीनी ऐप को बैन कर दिया था। चीनी ऐप पर बैन लगाए जाने के बाद भारत को अमेरिका का भी साथ मिला है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को कहा कि चीनी ऐप के बैन का भारत का जो फैसला है, उससे देश की संप्रभुता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारत की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इजाफा होगा। इसके अलावा भी अमेरिका लगातार अन्य मुद्दों पर चीन को घेरता आया है।

सीमा विवाद के बीच चीन की 59 ऐप हुईं बैन

भारत और चीन के बीच बीते मई की शुरुआत से ही एलएसी पर सीमा विवाद को तनाव चल रहा है। यह तनाव पिछले महीने 15 जून को तब और बढ़ गया, जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, तो वहीं चीन के कमांडर समेत 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए दोनों देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी कई बार बैठक कर चुके हैं, लेकिन चीन के धोखेबाजी के चलते अभी तक पूरी तरह से सफलता नहीं मिली है।

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