Zero Waste Wedding: एक विवाह ऐसा भी.. पहली जीरो वेस्ट शादी

Zero Waste Wedding। स्वच्छता शहर की आदत तो है और अब विवाह संस्कारों में भी शामिल हो गई है। शहर में एक विवाह जीरो वेस्ट थीम पर हुआ। शादी के कार्ड बाद में रद्दी में तब्दील न बने, इसलिए कागज के बजाए ई कार्ड मेहमानों को बांटे। पूरे विवाह समारोह में ऐसी कोई वस्तु का उपयोग नहीं हुआ, जिसे ट्रेचिंग ग्राउंड तक पहुंचाया जा सके। दो दिन चले समारोह में 40 किलो गीला कचरा निकला, जिसका निबटान विवाह समारोह स्थल पर करते हुए उसे खाद में तब्दील किया गया।

यह अनूठी शादी पिछले दिनों माचल गांव के एक गार्डन में हुई। इंदौर आइआइटी से मैकेनिकल इंजीनियर रोहित अग्रवाल और इंटिरियर डिजाइनर पूजा गुप्ता ने फैसला किया था कि वे जीरो वेस्ट थीम पर ब्याह रचाएंगे। रोहित बनाते है कि वे पद्मश्री जनक पलटा के यहां गए थे। वहां ‘उन्हें शादी में कचरा कर न करे शादी का कचरा’ विषय पर अपनी बात रखने को कहा गया था। तब से उन्होंने फैसला लिया था कि वे जब भी शादी करेंगे तो कचरा नहीं फैलाएंगे। इस साल जब उनकी रिश्ता पक्का हुआ तो उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी पूजा के सामने जीरो वेस्ट थीम पर शादी की पेशकश की और वे भी तैयार हो गईं।

ऐसा था शादी में इंतजाम

badhtikalam.com शादी में न तो डिस्पोजल सामग्री का इस्तेमाल हुआ न साज-सज्जा में ऐसी सामग्री का उपयोग हुआ जिससे कचरा निकले। मेहमानों को भेजे जाने वाले आमंत्रण पत्र से भी कचरा न हो इसलिए उन्हें ई-कार्ड भेजे गए। भोजन के लिए स्टील और चीनी की प्लेटों का इस्तेमाल हुआ। मेहमानों से भी आग्रह किया गया कि वे भोजन प्लेट में झूठा नहीं छोड़े। खाना बनाने के दौरान निकला सब्जियों आदि का कचरा भी मौके पर निस्तारित कर दिया गया। पूरी शादी में 40 किलो निष्पादन योग्य कचरा निकला, लेकिन वह कचरा परिवहन वाहन तक नहीं पहुंचा, बल्कि उसे कचरे से खाद बनाने के लिए विवाह समारोह में ही वेस्ट कनर्वटर वैन में कचरे से खाद बनाने के लिए भेजा गया। रोहित ने अपने दो साथियों के साथ वेस्ट मैनेजमेंट क्षेत्र को चुना और स्वाह नामक स्टार्टअप शुरू किया, जिसने कई अवॉर्ड भी जीते।

दो हजार किलो कचरा निकलता है शादियों के सीजन में

badhtikalam.com आमतौर पर शहर में एक होटल से प्रतिदिन 400 से 500 किलो कचरा निकलता है। विवाह समारोह होने पर कचरे की मात्रा बढ़कर प्रति आयोजन स्थल डेढ़ से दो हजार किलो तक पहुंच जाती है, जबकि इंदौर शहर में फिलहाल हर दिन 800 से एक हजार टन कचरा निकलता है, जिसे प्रोसेस करने के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड सहित अन्य निर्धारित स्थलों पर भेजा जाता है।

कचरे से बनी खाद पहुंचाई थी गुजरात

badhtikalam.com दो साल पहले बोहरा समाज का आयोजन अशरा मुबारका1440 का आयोजन हुआ था, जिसकी थीम भी जीरो वेस्ट रखी गई थी। इस आयोजन में प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को भोजन तैयार होता था और 250 टन आर्गेनिक वेस्ट रोज निकलता था। इस वेस्ट से खाद तैयार कर समाज ने गुजरात के किसानों तक पहुंचाई थी। इसके अलावा होलकर स्टेडियम में होने वाले अंतरराष्ट्रीय कई मैच भी जीरो वेस्ट थीम पर हुए।