देश की सुरक्षा में पति चौहान हुए शहीद: पत्नी करुणा जाएगी आर्मी में

इंदौर। देश की सरहदों पर सेवा करते हुए पति धर्मेंद्र सिंह चौहान की जान चली गई। कुछ महीने तनाव में रही। खुद को संभाला और फिर से विद्यार्थी बनकर सेना में जाने के लिए परीक्षा की तैयारी की। पहले अटैम्प्ट में पास नहीं हो पाई। दूसरे के लिए भी कोशिश की। आखिरकार कड़ी मेहनत से सफलता मिल ही गई। अब मैं भी पति की तरह देश की सेवा करूंगी। यह कहना है सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) इंटरव्यू पास करने वाली करुणा सिंह चौहान का।शहर से इंटरव्यू की तैयारी करने वाली करुणा का चयन आर्मी में वीर नारी वर्ग के तहत हुआ है। इस वर्ग में एक टेक्निकल और एक नॉन टेक्निकल पद होता है। इसमें से टेक्निकल पद पर करुणा ने जगह बनाई है। आगरा के कॉलेज में प्रोफेसर रही करुणा की शादी 10 मार्च 2019 को रतलाम में हुई थी। पति धर्मेंद्र सिंह चौहान नेवी में पदस्थ थे। 26 अप्रैल 2019 को नौसेना के युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य की बैटरी कंपार्टमेंट में आग लग गई थी। साथियों को बचाने में धर्मेंद्र शहीद हो गए थे।

55 मिनट तक चला इंटरव्यू: बायोटेक्नोलॉजी विषय में एमटेक कर चुकी करुणा ने बताया कि शादी के बाद कई नए सपने देखे थे। जीवन खुशियों से भर गया था, लेकिन अचानक आई खबर ने जीवन की दिशा बदल दी। कई महीने तक कुछ भी नया सोचने की स्थिति में नहीं थी। परिवारों ने हिम्मत दी। फिर से कॉलेज जाने लगी। पढ़ाने लगी। मन में पति की तरह देश सेवा करने की भावना के चलते एसएसबी इंटरव्यू के लिए फॉर्म भरा। पहले साल में इंटरव्यू के लिए होने वाले स्क्रीनिंग टेस्ट में ही बाहर हो गई। फिर से पूरे सालभर पढ़ाई की और फिट रहने के लिए रनिंग की। करुणा ने बताया कि चूंकि मैं प्रोफेसर हूं और मेरी पीएचडी चल रही है इस कारण इंटरव्यू के दौरान मुझसे कई सवाल पूछे गए। करीब 55 मिनट तक इंटरव्यू चला और इसमें यह जानने की कोशिश की गई कि मैं आर्मी में क्यों जाना चाहती हूं। अब सात जनवरी से ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी चेन्न्ई में 11 महीने की ट्रेनिंग होगी। परीक्षा की तैयारी कराने वाले कर्नल निखिल दीवानजी ने बताया वीर नारी वर्ग में एक ही टेक्निकल पद होता है। इसमें देशभर की वीर नारी आवेदन करती है। चयन प्रक्रिया पांच दिन तक चलती है। इसमें दो स्क्रीनिंग होती है। इसके बाद मनौवैज्ञानिक, इंटेलीजेंस, मेडिकल और अन्य तरह के टेस्ट भी होते हैं।