
कहा-लालच देकर धर्म बदलवाया
मुलताई। मध्यप्रदेश के बैतूल और महाराष्ट्र के अमरावती जिले की बॉर्डर से लगे कई गांव के 152 लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर सतानत हिंदू धर्म (Hinduism) में वापसी की है। इनमें एससी और एसटी वर्ग के लोग शामिल हैं। सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में इन लोगों के हाथ में कलावा बांधा गया। गंगा जल पिलाकर और पैर पखारकर Hinduism में वापसी करवाई गई।
लोगों ने बताया कि ईसाई मिशनरियों ने बहला-फुसलाकर धर्म बदलवाया था। हर परिवार को 20 हजार रुपए दिए गए। लालच की वजह से हम कन्वर्ट हुए थे। इसके बाद से हम स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। अपने समाज और रिश्तेदारों से भी दूर होते जा रहे थे।
ईसाई धर्म छोड़कर आए महादेव सलामे ने बताया कि पिछले दो दिन में मध्यप्रदेश के 72 और महाराष्ट्र के 80 लोगों ने घर वापसी की है। मिशनरी के प्रमोटर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और जरूरतमंद लोगों को षड्यंत्र के साथ धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी कर लेते हैं। वे मकान, पैसे और नौकरी देने के साथ ही बीमारी ठीक करने के वादे करते हैं।
छतर तवड़े ने बताया कि बैतूल और अमरावती जिले के दर्जनों गांव में कई परिवार ईसाई मिशनरियों के प्रमोटरों के षड्यंत्र में फंस चुके हैं। जो लोग अपना धर्म परिवर्तन करवा लेते हैं, उन्हें दूसरे ग्रामीण सामाजिक रूप से अलग कर देते हैं। उनके किसी भी कार्यक्रम में ग्रामीण शामिल नहीं होते हैं। ऐसे परिवारों में बेटे-बेटियों का रिश्ता भी नहीं करते हैं।
महादेव और छतर ने कहा कि मिशनरी के प्रमोटर जो वादे लोगों से करते हैं, वे धर्म परिवर्तन के बाद पूरे नहीं किए जाते। इससे ग्रामीणों के सामने वापस अपने धर्म में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता।