जयपुर विकास प्राधिकरण
जयपुर। जयपुर में कोविड-19 से संक्रमित के संपर्क में आने वाले लोगों को संक्रमण से बचाने एवं जीवन सुरक्षित रखने के लिए बगराना, महला, नायला एवं जयसिंहपुरा खोर में बडे स्तर पर लोगों को क्वारनटिन किए जाने के लिए जोरों से तैयारिया की जा रही है। शनिवार को जेडीसी एवं निदशक अभियांत्रिकी-द्वितीय ने बगराना में की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।
बगराना में बीएसयूपी फ्लैट्स में बिजली, पानी, आवष्यक लाईट एवं पंखे सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही तैयारियों का जयपुर विकास आयुक्त टी. रविकांत एवं निदेशक अभियांत्रिकी-द्वितीय वी.एस. सुण्डा ने जायजा लिया। उन्होंने कोविड-19 की व्यवस्थाएं संभाल रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मनोबल बढाते हुए क्वारिनटिन सेंटर्स में की जा रही व्यवस्थाएं शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए।
जेडीसी ने बताया कि नायला एवं महला में राजस्थान आवासन मण्डल के फ्लैट्स में क्वारिनटिन सेंटर्स की तैयारिया आवासन मण्डल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दिन-रात कार्य कर पूरी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि बगराना, महला, नायला एवं जयसिंहपुरा खोर में करीब 12 हजार से अधिक कोविड-19 से संक्रमित के संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारनटिन रखने की तैयारियां दो दिनों में पूरी कर ली जाएंगी।
कोरोना रोकथाम के लिये कंटेनमेंट प्लान के तहत कार्यवाही
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार कोरोना के प्रारम्भिक पॉजिटिव मिलने के तुरंत बाद से ही कंटेनमेंट प्लान के तहत कार्यवाही की जा रही है विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के आधार पर ही स्वास्थ्य मंत्री द्वारा बयान जारी किये जा रहे हैं।
रोगी के घर के एक किलोमीटर की परिधी में कर्फ्यू लगाया जाता है एवं तीन किलोमीटर परिधी तक कंटेनमेंट जोन तथा पॉच किलोमीटर तक बफर जोन बनाकर सर्वेक्षण का कार्य किया जाता है। निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ के के शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आते ही रोकथाम के लिये कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं प्रभावित क्षेत्रों में स्क्रीनिंग का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया स्कीनिंग का कार्य करने हेतु एएनएम,आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सघन प्रशिक्षण दिया गया प्रशिक्षण के उपरांत स्वास्थ्य विभाग की यह टीमें दो मार्च को पहला मामला आने के तत्काल बाद से ही निरंतर प्रभावित क्षेत्रों में घर घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी ले रही है।
उन्होने बताया कि संदिग्ध रोगियों की पहचान के लिये घर घर सर्वे कर एक्टिव सर्विलेंस एवं चिकित्सा संस्थानों पर पहचान हेतु पेसिव सर्विलेंस की जा रही है प्रदेश की जनसंख्या लगभग साढे सात करोड है एवं सर्वेक्षण कार्य में 2 करोड 19 लाख से अधिक घरों में जाकर लगभग 9 करोड 86 लाख से अधिक व्यक्तियों की स्कीनिंग की जा चुकी है। भीलवाडा सहित कई अन्य प्रभावित क्षेत्रों में तो प्रत्येक घर की एक से अधिक बार भी स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इस समय प्रदेश में 26 हजार से अधिक चिकित्सा दलों द्वारा स्क्रीनिंग की जा रही है स्क्रीनिंग के दौरान अब तक 7 लाख 94 हजार 383 आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) के रोगियों को चिन्हित कर उनके उपचार की व्यवस्था भी की गई है।
डॉ शर्मा ने बताया कि कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में सेम्पल एकत्रित करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की समुचित सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार क्वारेटाइन की व्यवस्था की गई है। क्वारंटाइन सेंटर्स पर निर्धारित दूरी पर बेड की व्यवस्था के साथ ही दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है। इस समय कुल क्वेरांइटन के कुल एक लाख 7 हजार 763 बेड, आइसोलेशन के 22 हजार 277 बेड की व्यवस्था की जा चुकी है।