संपर्क पोर्टल पर ग्रिवान्सेज का निस्तारण समय पर करें अधिकारी: कलेक्टर

सीएम हैल्पलाइन-181, संपर्क पोर्टल के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा में अधिकारियों को निर्देश देते जिला कलेक्टर।

प्रकरणों के निस्तारण की रैंडमली कलेक्टर ने की जांच
परिवादों का समय पर एवं संतुष्टीरेट के साथ हो निस्तारण
सवाई माधोपुर।
किसी भी समस्या का कागज में समाधान कर दिया लेकिन मौके पर समाधान नहीं हुआ तो सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। शिकायत प्राप्त होने तथा कार्रवाई नहीं होने पर अपने आप एस्केलेट होकर उपर के लेवल पर चली गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम हैल्पलाइन-181 एवं संपर्क पोर्टल के लम्बित प्रकरणों की शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिला कलक्टर ने बताया कि जब तक परिवादी संतुष्ट नहीं होगा, समस्या समाधान नहीं माना जायेगा। यदि नियमों या बजट अभाव के कारण समस्या समाधान नहीं हो सकता तो परिवादी को विनम्रता से जानकारी दे। यह बात जिला कलेक्टर ने समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कही।
जिला कलेक्टर ने पांच शिकायत निस्तारण को रैंडमली लेते हुए जांच की। चिकित्सा विभाग के एक प्रकरण में 60 दिन से अधिक का समय हो जाने की स्थिति में परिवादी से मोबाइल पर बात कर वस्तुस्थिति की समीक्षा की। इसी प्रकार जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वारा पाइप लाइन लीकेज सही करने में पंद्रह दिन का समय दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए अधीक्षण अभियंता को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। बैठक में कृषि विभाग से अधिकारी नहीं आने पर नोटिस देने के निर्देश एडीएम को दिए।
बैठक में इस प्रकार अन्य विभागों के अधिकारियों से भी संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए समय पर निस्तारण करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार अन्य विभागों के द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने अधिकारियों को गंभीरता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि आमजन की समस्या का समाधान करने के बजाय झूंठी जानकारी देकर आमजन और प्रशासन को गुमराह करने वालों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने इस तरह के प्रकरणों को गंभीरता से लेने के निर्देश भी दिए तथा कहा कि सम्पर्क पोर्टल के सभी प्रकरणों का समयबद्ध अवधि में निस्तारण करें। सम्बन्धित अधिकारी नीचे से आई रिपोर्ट पर ऑंख मंूदकर हस्ताक्षर न करें, कुछ प्रकरणों को रैण्डमली वेरिफाई करें। उन्होंने कहा कि निस्तारित किए जाने वाले प्रकरणों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करें, जिससे परिवादी संतुष्ट हो सके। बैठक में विभागवार पैंडिंग प्रकरणों की समीक्षा करते हुए त्वरित एवं समय पर गुणवत्ता के साथ निस्तारण की बात कही।
बैठक में 60 दिन से अधिक प्रकरणों में कृषि विभाग के 15, सहकारिता के 3, डीएसओ के 2, वन विभाग के 22, स्थानीय निकाय के 10, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के 15, खनिज के 7, पुलिस के 14, सार्वजनिक निर्माण विभाग के 3, ग्रामीण विकास 3, माध्यमिक शिक्षा 3, महिला अधिकारिता के 3, जेवीवीएनएल के 5, आईसीडीएस के 3, पंचायतराज के 13, मनरेगा के 4 प्रकरण बकाया है। इनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
बैठक में एडीएम कैलाश चन्द्र, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश कुमार, एसीईओ रामचंद्र व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।