आंगनबाड़ी महिलाओं का संभागीय सम्मेलन का सफल आयोजन


कोटा। हिन्द मजदूर सभा से संलग्न आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ का संभागीय सम्मेलन रविवार को उमरावमल पुरोहित सभागार, रेलवे स्टेशन रोड़ कोटा में सम्पन्न हुआ।
यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि संभागीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि नगरीय स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल रहे। विशिष्ठ अतिथि में हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री कॉमरेड हरभजन सिंह सिंह थे। हिन्द मजदूर सभा राजस्थान प्रदेश के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव व राष्ट्रीय सचिव सुश्री चम्पा वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सम्मेलन में कोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़ की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता एवं ग्रामीण साथिनों की लगभग 2000 से अधिक महिलायें शामिल थी।
शान्ति धारीवाल ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुये कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याएं जायज है। प्रदेश स्तर पर सभी आंगनबाड़ी महिलाओं का राज्य सरकार के आयोजन से एक बहुत बड़ा आंगनबाड़ी महिलाओं का सम्मेलन जयपुर में आयोजित किया जायेगा, उस सम्मेलन से सभी आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याओं को उठाकर दूर किया जायेगा।
हिन्द मजदूर सभा के महामंत्री कॉ. हरभजन सिंह सिंह ने उपस्थित आंगनबाड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुये कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्या जायज है इनकी समस्याओं को केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया जायेगा उन्हें कर्मचारियों का दर्जा दिलाकर न्यूनतम 21 हजार रुपए मासिक वेतन दिलाया जायेगा।
हिन्द मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री मुकेश गालव ने सभी आंगनबाड़ी महिलाओं को एकजुट होने का आह्वान किया तथा कार्यस्थल पर आने वाले समस्याओं के लिये राज्य सरकार पर ठोस कार्यवाही करने की बात कही।
मुख्य अतिथि सुश्री चम्पा वर्मा ने आंगनबाड़ी महिलाओं की रोजमर्रा दैनिक कार्यों में होने वाली समस्याओं पर विस्तार से बताते कहा कि महिलायें किसी से कम नहीं हैं उन्हें अपनी मांगों के लिये आगे आना होगा तथा एकता का परिचय देना होगा।
राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती शाहिदा खान ने 12 सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन शांति धारीवाल को सौंपा और कहा कि जल्द से जल्द आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याओं को दूर किया जाये।

  1. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा सहयोगिनियों, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता एवं ग्रामीण साथिनों को नियमित कर राज्य कर्मचारी घोषित किया जावे।
  2. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मिनी केन्द्र कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी एवं ग्रामीण साथिनों को अन्य कर्मचारियों की तरह निर्धारित वेतन के आधार पर नियमित होने पर मिनिमम वेतनमान २१ हजार दिया जाये।
  3. महिला पर्यवेक्षक के पदों को भरने के लिये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना किसी परीक्षा के अनुभव के आधार पर एवं बिना किसी आयु सीमा की बाध्यता के पदों को तुरन्त भरा जाये।
  4. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगिनियों को योग्यता एवं अनुभव के आधार पर प्राईमरी स्कूलों में नियुक्ति दी जावे।
  5. आशा सुपरवाईजरों में चयन हेतु आशा सहयोगिनी को प्राथमिकता दी जावे।
  6. आशा सहयोगिनियों को महिला एवं बाल विकास विभाग की तरह एकमुश्त मानदेय दिया जाये और आशा के क्षेत्र का सारा लाभ उसी क्षेत्र की आशाओं को मिले।
  7. आंगनबाड़ी कर्मियों को सुनिश्चित पेंशन के तहत कम से कम 5 हजार रुपए पेंशन दी जावे।
  8. कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी एवं ग्रामीण साथिन को 60 वर्ष पूर्ण होने पर हटाया जाता है, उन्हें सक्षम होने तक 62 वर्ष तक कार्य करने दिया जावे।
  9. ग्रामीण साथिन को योग्यता एवं अनुभव के आधार पर प्रचेता के पद पर नियुक्ति दी जावे।
  10. ग्रामीण साथिन को नगर पालिका से हटा दिया जाता है तो इन्हें कार्यकर्ता, सहायिका व आशा सहयोगिनी के पद पर नियुक्ति दी जावे।
  11. स्कूल की तर्क पर शीतकालीन एवं ग्रीष्म कालीन अवकाश सभी आंगनबाड़ी कर्मचारी को एक साथ दिया जावे एवं बच्चों की भी छुट्टी दी जावे।
  12. मिनी केन्द्रों को जनसंख्या के हिसाब से बड़े केन्द्रों में परिवर्तित किया जाये।
    संभागीय सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्षा शाहिदा खान, शकुन्तला गुप्ता, रेणु सक्सेना, कंवलजीत मीणा, नीलम सोनी, रचना वैष्णव,मधुबाला यादव, मधुकांता राजावत, यास्मीन, मंजू शर्मा, सरोज त्यागी, सकीला खान, शीला दुबे, गीता गोचर, नसीम बानो, अनिता सुमन, कोशल्या, रेखा शर्मा, संजीदा बानो, सीमा तिवारी, ममता नायक, रेखा तालेड़ा,नन्दा देवी, राजेश गोस्वामी, गीता देवी, रेहाना सहित लगभग 2 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता एवं ग्रामीण साथिनों महिलाओं ने भाग लिया।