राजस्थान मंत्रीमंडल- संभवतया पहली बार मतदान से पूर्व प्रत्याशी को मंत्री बनाया
जयपुर। 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भजनलाल सरकार में 30 दिसंबर को मंत्रीमंडल का गठन हुआ। 22 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें 12 केबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाए गए।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में किरोड़ीलाल मीणा, गजेंद्र सिंह खींवसर, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबूलाल खराड़ी, मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश सिंह रावत, अविनाश गहलोत, जोराराम कुमावत, हेमंत मीणा, कन्हैयालाल चौधरी, सुमित गोदारा को केबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई। वहीं राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा, सुरेंद्र पाल टीटी, हीरालाल नागर ने ली। ओटाराम देवासी, विजय सिंह चौधरी, मंजू बाघमार, केके विश्नोई, जवाहर सिंह बेढ़म ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को विधायक बनने से पूर्व मंत्री पद की शपथ दिलाई। यह पहला मौका है जब देश में पहली बार चुनाव परिणाम से पूर्व किसी प्रत्याशी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। श्रीकरणपुर में 5 जनवरी 2024 को मतदान होगा।
किरोड़ीलाल मीणा: राज्यसभा सांसद रहते कांग्रेस राज में सबसे मुखर रहे। पेपर लीक से कई मुद्दों के लिए आंदोलन किए। एसटी समुदाय के मुखर चेहरे के रूप में पहचान है। संघ से जुड़े रहे हैं। इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए। पूर्वी राजस्थान के सियासी समीकरण साधे। गजेंद्र सिंह खींवसर: वसुंधरा राजे की दोनों सरकारों में मंत्री रहे। मारवाड़ के सियासी समीकरणों को साधने के अलावा पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को भी साधा गया है। दो बार मंत्री रहने के कारण प्रशासनिक अनुभव है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़: पूर्व फौजी अफसर और ओलंपिक चैंपियन को कैबिनेट मंत्री बनाकर मैसेज दिया है। जातीय समीकरणों के हिसाब से भी राजपूत वर्ग को महत्व देने का मैसेज दिया। सीएम, दोनों डिप्टी सीएम के बाद केबिनेट में चौथे चेहरे, जो जयपुर से हैं।
बाबूलाल खराड़ी: आदिवासी इलाके के लोगों को एक मैसेज दिया। खराड़ी अब भी कच्चे घर में रहते हैं। पिछली बार उन्हें राजस्थान विधानसभा का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया था। जागरुक और जमीन से जुड़े नेता के रूप में उनकी पहचान है।