सुप्रीम कोर्ट में 80 हजार, हाईकोर्ट्स में 61 लाख से अधिक मामले विचाराधीन

सभी अदालतों में करीब 5 करोड मामले लंबित


नई दिल्ली। न्याय विभाग की खबर.. देश के न्यायालयों में पांच करोड से अधिक मामले विचाराधीन हैं। जीहां.. यह सही है क्योंकि यह जानकारी शुक्रवार को कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दी है। सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों, जिला और अधीनस्थ अदालतों सभी में कुल मिलाकर पांच करोड मामले लंबित हैं।
मेघवाल ने एक प्रश्र के जबाव में कहा कि एक दिसंबर तक देशभर की अदालतों में 5 करोड 8 लाख 85 हजार 856 मामले सुनवाई के लिए बाकी हैं। इनमें से 61 लाख से अधिक मामले 25 हाईकोर्ट्स में पेंडिंग हैं।
मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में 80 हजार मामले सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हैं। छह माह पूर्व एक जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केसों की संख्या 69 हजार 766 थी। जो एक दिसंबर को बढ़कर 80 हजार से ज्यादा हो गई। तीन साल पहले 10 हजार पेंडिंग केस बढ़ने में मार्च 2020 से जुलाई 2023 तक का समय लगा था।

मेघवाल ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 26 हजार 568 है। सुप्रीम कोर्ट में जजों की फुल स्ट्रेंथ 34 है। वहीं, हाईकोर्ट्स में जजों की संख्या 1,114 है। जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों की स्वीकृत संख्या 25,420 है।