Bird Flu का बढ़ता खतरा:राजस्थान में अब तक 471 कौओं की मौत, रिपोर्ट आई सिर्फ 7 की

Bird Flu
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  • सवाई माधोपुर और झालावाड़ समेत 6 जिलों में 24 घंटे के अंदर 140 कौओं ने दम तोड़ा
  • गनीमत ये है अब तक सिर्फ एच 5 एविएन इन्फ्लूएंजा की ही पुष्टि हुई है जो ज्यादा घातक नहीं
  • भोपाल भेजते हैं सैंपल, 1 की जगह 7-10 दिन लगते हैं जांच में, सवाल- प्रदेश में लैब क्यों नहीं?

कोरोना महामारी के साथ ही अब प्रदेश पक्षियों की महामारी Bird Flu की भी चपेट में आ गया है। अब तक प्रदेश में 522 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 471 कौवे हैं। हालांकि, अभी तक सिर्फ 7 सैंपल की ही रिपोर्ट आई है। इनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। आशंका है कि ज्यादातर मौतें बर्ड फ्लू से हुई हैं। सोमवार को प्रदेश के 6 जिलों में 140 कौओं ने दम तोड़ा।

इनमें सवाई माधोपुर में 35, बीकानेर में 53, झालावाड़ में 22, बारां में 17, पाली में 9 और बांसवाड़ा में 7 की जान गई। सोमवार को राजस्थान के बारां और दौसा से बया, कौआ और बगुलों के 13 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। दरअसल, बर्ड फ्लू की जांच के लिए देश की एकमात्र लैब भोपाल में है। चूंकि इन दिनों कई और राज्यों से भी पक्षियों के सैंपल भेजे जा रहे हैं। इसलिए जो जांच रिपोर्ट 2-3 दिन में मिल जानी चाहिए, उसमें 7 से ज्यादा दिन लग रहे हैं।

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हालांकि, इस बीच थोड़ी राहत की बात ये है कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में मरे पक्षियों में सिर्फ एच 5 इन्फ्लूएंजा ही मिला है, जो ज्यादा घातक नहीं है। इसका सबसे घातक स्ट्रेन एच 5 एन 1 है। अगर पक्षियों से यह वायरस इंसानों में चला जाए तो महामारी का रूप ले सकता है।

चिंता इसलिए कि सांभर पक्षी त्रासदी में भी रिपोर्ट में देरी से बढ़ी थीं मौतें

Bird Flu की जांच के लिए केवल भोपाल में ही हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब है। Bird Flu आउटब्रेक की पुष्टि सिर्फ यहीं से हो सकती है। वैसे Bird Flu सैंपल की जांच 24 घंटे में ही मिल जाती है लेकिन, अभी लैब में सैंपलों का ढेर लग गया है जिससे देरी हो रही है। बता दें कि देश की सबसे बड़ी सांभर पक्षी त्रासदी में भी रिपोर्ट में देरी से मौतें बढ़ी थीं।

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विभाग बोला- प्रदेश में वेटनरी लैब की जरूरत, केंद्र को लिखेगा चिट्‌ठी

पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीना ने कहा, राजस्थान में बड़ी संख्या में माइग्रेटरी बर्ड आती हैं। पक्षी पालन का भी यहां बड़ा कारोबार है इसलिए बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए यहां वेटनरी आरटी पीसीआर लैब की बेहद जरूरत है। एक लैब स्थापित करने के लिए करीब 80 लाख रु. तक का खर्च आता है। यदि केंद्र यहां लैब खोलने की मंजूरी देती है तो विशेषज्ञ यहां मौजूद हैं। इसके लिए पशुपालन विभाग केंद्र को पत्र लिखेगा।

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सख्ती- सभी जिलों में कंट्रोल रूम बने, हर वेटलैंड्स से 10-10 सैंपल लेंगे

Bird Flu की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं। विशेषज्ञों की टीम को प्रभावित जिलों में रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश में प्रवासी पक्षियों के आगमन को देखते हुए सभी वेटलैंड्स से 10-10 सैंपल लिए जाने के निर्देश भी दिए हैं। प्रदेश में 6 वेटलैंड नोटिफाइड हैं और इसके अलावा करीब 54 वेटलैंड और हैं लेकिन, ये नोटिफाई नहीं हैं।
पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण

  • पक्षी सुस्त होकर खाना-पीना बंद कर देते हैं
  • अंडा देने में कमी आ जाती है
  • पक्षियों में तेज जुकाम, नाक और आंख में पानी, पक्षियों के सिर और गर्दन पर सूजन आ जाती है।
  • कलगी व लटकन पर भी सूजन व नीलापन दिखाई देता है।

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