बिजली के दाम बढ़ाकर सरकार ने जनता के साथ किया धोखा- पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर

गंगापुर सिटी। बिजली की दर बढाने को लेकर प्रदर्शन करते भाजपा कार्यकर्ता

राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
गंगापुर सिटी।
भाजपाईयो ने बुधवार को पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के द्वारा बढ़ाई गई बिजली की दरों को वापस लेने की मांग को लेकर जुलूस निकालकर मिनी सचिवालय स्थित एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया और उपजिला कलेक्टर विजेन्द्र मीना को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
भाजपाइयों ने ज्ञापन में बताया कि राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बिजली दरों को बढ़ाकर आमजन के साथ धोखा किया है। इन्होंने अपने घोषणा-पत्र में वायदा किया था कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएगी। राजस्थान में कुल 1 करोड 20 लाख परिवार बिजली का उपयोग करते हैं, इनमें से 68 फीसदी परिवार किसान हैं। सरकार के बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की घोषणा उस समय झूठी साबित हो गई जब राजस्थान नियामक आयोग की सिफारिश पर 1 फरवरी 2020 से राज्य में 15 से 25 प्रतिशत विद्युत दरों को बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए। प्रति यूनिट 95 पैसे उपभोक्ता के बढ़ाने के साथ ही 115 रुपये फिक्स चार्ज प्रतिमाह बढ़ाकर अब तक कि सबसे अधिक विद्युत दरों को बढ़ाकर आम उपभोक्ता की जेब पर 1 हजार 800 करोड़ का डाका डाला। गरीब किसान जो गांव या ढाणी में 2 या 3 कमरों के मकान में रहता है उसकी विद्युत खपत 150 से 200 यूनिट प्रतिमाह हो ही जाती है। अब तक गरीब किसान को 6 रुपये 40 पैसे की जगह पर 7 रुपये 35 पैसे फिक्स चार्ज 220 रुपये प्रतिमाह की जगह 275 रुपये प्रतिमाह का भुगतान करना होगा। क्या यह वादा खिलाफी नहीं…? राजस्थान में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट वर्ष 2004 से प्रभावशील है। यह एक्ट कहता है कि विद्युत उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार की दरें, चार्ज या सरचार्ज बिना नियामक आयोग की अनुमति के नहीं लगाया जा सकता। सरकार ने इससे पूर्व फ्यूज चार्ज के नाम से विद्युत उपभोक्ताओं पर 37 पैसे प्रति यूनिट से लगाये जा रहे फ्यूज चार्ज को 55 पैसे बिना विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के किया। वहीं अडानी पावर को उपकृत करने के लिए राज्य के खाजने से दिए जाने वाले 27 हजार करोड का भार राज्य के 1 करोड 20 लाख उपभोक्ताओं पर एफिशनल सिक्योरिटी के नाम पर 1 हजार 200 करोड़ का भार डाल दिया जिसके अंतर्गत 42 लाख 25 हजार उपभोक्ताओं को नोटिस भी जारी किए जा चके हैं। इसके अतिरिक्त एडिशन सिक्योरिटी चार्ज के कारण से आम उपभोक्ताओं पर 600 रुपये से लेकर 8 हजार रुपये तक का अतिरिक्त भार आ गया। भाजपाइयों ने मांग की कि बिजली की दरों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जावे।
पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर ने कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली के दाम बढ़ाने की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अपने जनघोषणा पत्र में किये गए वादे से मुकर रही है। कांग्रेस सरकार का वादा था कि पांच वर्ष तक बिजली के दाम नहीं बढेंगें और पूरी बिजली देंगे। बिजली दर बढ़ाने से यह साबित होता है कि सरकार किसानों की हितेषी नहीं है। लगभग 12 प्रतिशत टैरिफ बढऩे से उपभोक्ताओं पर भार पड़ेगा। किसानों पर फिक्स चार्ज 15 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये प्रति हॉर्सपावर किया जाना जनता के साथ धोखा है। गुर्जर ने कहा कि सरकार लगातार अपने जनघोषणा पत्र से मुकर रही है। किसान कर्ज माफी, बेरोजगार युवाओं को दिया जाने वाला 3500 रुपये प्रतिमाह बजीफा, बुजुर्ग किसानों को पेंशन आदि सभी से सरकार ने पल्ला झाडकर केवल सत्ता लोलुपता के लिए कांग्रेस द्वारा हमेशा किये गए छलावे को पुन: दोहराया है। साथ ही गुर्जर ने कहा कि उपभोक्ता को फिक्स चार्ज 25 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर 275 रुपये प्रतिमाह देना पडेगा, जो उपभोक्ताओं की कमर तोडऩे वाला साबित होगा।
दूसरी ओर सर्दी में किसानों की मौत के बावजूद किसानों को दिन के स्थान पर रात में बिजली दी जा रही है। भाजपा सरकार के समय चालू की गई सब्सिडी को भी इधर-उधर कर किसानों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है। इस प्रकार पिछले दरवाजे से दरे बढ़ाकर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है जो निंदनीय है। आने वाले समय में जनता कभी कांग्रेस पर विश्वास नहीं करेगी। बजट सत्र से ठीक पहले दरे बढ़ाना लोकतांत्रिक मर्यादाओ एवं सदन का अपमान है, जो कांग्रेस संविधान की दुहाई दे रही हैं, वह स्वयं संविधान की धज्जियां उड़ा रही है।
इस दौरान जिला महामंत्री मनोज बंसल, पुखराज सलेमपुर, सवाई सिंह राजपूत, उपसभापति दीपक सिंघल, रामसिंह खटाना, हरिओम पटेल, शिवदयाल, जमनालाल वैष्णव, महेन्द्र दीक्षित, मिथलेश व्यास, वीरू पुजारी, मनोज कुनकटा, कौशल बोहरा, सूरज मास्टर, गोपाल धामोनिया, वेदप्रकाश सोनवाल, राजेन्द्र सहजपुरा, भवानी मानपुर, हिमांशु शर्मा, विवेक पाठक, धनेश शर्मा, संदीप सिंह, मुनीम मच्छीपुरा, विरेन्द्र सिंह पटेल सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
गंगापुर सिटी। बिजली की दर बढाने को लेकर प्रदर्शन करते भाजपा कार्यकर्ता