
उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से आए जल प्रलय में 197 लोग अभी भी लापता है। तोपवन के टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए पिछले तीन दिन से प्रयास किया जा रहा है। वहीं 28 शवों को बाहर निकाला जा चुका है। इनमें से दो की शिनाख्त हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को प्रभावित क्षेत्र से दो और शव बरामद हुए हैं। अब तक मृतकों का आंकड़ा 28 जा पहुंचा है और 178 लोग लापता है। चमोली में तपोवन की NTPC टनल में फंसे लोगों को निकालने का काम जारी है। टनल में फंसे 35 लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
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आईटीबीपी के अनुसार, रातभर टनल से मलबा हटाया गया है। अभी तक टनल में फंसे किसी भी मजदूर से हमारा संपर्क नहीं हो पाया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं। अभी टनल खुली नहीं है। । ऋषिगंगा का पानी जहां धौलीगंगा से मिलता है, वहां भी जल स्तर बढ़ गया। रविवार को हुए हादसे में तपोवन के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्टर और NTPC प्रोजेक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि बचाव दल रस्सी के सहारे मलारी घाटी इलाके तक जा पहुंचा है। अब आसानी से वहां राशन सामग्री भेजी जा सकती है। इससे पहले हेलिकॉक्टर से केवल सीमित स्टॉक की आपूर्ति की जा रही थी लेकिन अब कोई समस्या नहीं होगी। उत्तराखंड त्रासदी कोष में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने अपने स्वैच्छिक कोष से 11 करोड़ रुपेय देने की घोषणा की है। ऋषिगंगा का पानी जहां धौलीगंगा से मिलता है, वहां भी जल स्तर बढ़ गया।