Corona India : आने लगी तीसरी लहर की आहट!

देश में नए कोरोना केस की साप्ताहिक दर में उछाल दर्ज की गई है जिसे लेकर एक्सपर्ट्स चिंता व्यक्त कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर शुरुआती मई महीने में जब चोटी पर पहुंची थी तब से पिछले 11 सप्ताह तक साप्ताहिक दर में कमी आ रही थी। 12वें सप्ताह में फिर से पुराना ढर्रा वापस आना कोविड की तीसरी लहर आने का संकेत माना तो जा सकता है, लेकिन राहत की बात यह है कि यह अब तक केरल और कुछ हद तक कर्नाटक और तमिलनाडु तक ही सीमित है।

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के संकेत मिलने लगे हैं। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चेन्नई में इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस की ओर से गई स्टडी में जो बात सामने आई है उससे यह संकेत मिल रहा है कि वायरस एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगा है। इस इंस्टीट्यूट ने अपनी स्टडी में बताया है कि भारत में SARS-CoV-2 की प्रजनन दर यानी ‘आर’ वैल्यू 7 मई के बाद पहली बार 1 को पार कर गया है। 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंस में कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान और थियोरेटिकल फिजिक्स के प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने बताया है वायरस का आर वैल्यू 27 जुलाई को 1 को पार कर गया है। ऐसा 7 मई के बाद पहली बार देखने को मिला है। 27 से 31 जुलाई के बीच वायरस का आर वैल्यू 1.03 रहा है। इंडिया टुडे के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक टॉप अधिकारी ने इसकी पुष्टि की थी कि वायरस का आर वैल्यू 1 को छू रहा है। इससे कुछ दिन पहले वायरस का आर वैल्यू 0.96 था। जिसका मतलब था कि वायरस के फैलने की गति काफी कम है।

क्या होती है आर वैल्यू?

साधारण भाषा में वायरस की प्रजनन दर को आर वैल्यू कहते हैं। जिसका मतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति जितने लोगों को संक्रमित करता है उसे ही आर वैल्यू कहते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति एक और व्यक्ति को संक्रमित करता है तो यहां पर आर वैल्यू 1 होगी। अगर वह दो लोगों को संक्रमित करता है तो यहां पर आर वैल्यू दो होगी। जुलाई में आर वैल्यू एक को पार कर जाने का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति अपने साथ-साथ एक और व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है।

कुछ राज्यों के हालात चिंताजनक

यह पूछे जाने पर कि क्या यह कोविड-19 की तीसरी लहर के दृष्टिकोण से चिंताजनक है, प्रोफेसर सीताभरा सिन्हा ने कहा, निश्चित रूप से। हालांकि, यह भी हो सकता है कि वायरस का आर वैल्यू टिकाऊ न हो और संभवत: अगले कुछ दिनों में यह फिर से 1 से नीचे पहुंच जाए। लेकिन मौजूदा समय में कई राज्यों में कोरोना वायरस के मामले चिंतित करने वाले हैं। खासकर केरल के। जहां पर पिछले सप्ताह 1.4 लाख नए केस आ चुके हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर के भी कुछ राज्य हैं जहां पर कोरोना के प्रसार में तेजी देखने को मिली है।

डराने लगे हैं केरल के आंकड़े

भारत में बीते सप्ताह 2.86 लाख नए केस सामने आए जो उसके पिछले सप्ताह आए 2.66 लाख नए केस से 7.5% ज्यादा है। केरल में पिछले सप्ताह 1.4 लाख नए केस आए जो उसके पिछले सप्ताह के 1.1 लाख नए केस के मुकाबले 26.5% ज्यादा है। इस तरह पिछले सप्ताह देश में मिले कुल नए कोरोना केस में अकेले केरल की भागीदारी 49% रही। इस दौरान वहां प्रति दिन औसतन 20 हजार नए कोरोना केस मिले। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 20,728 नए मामले सामने आए। इस तरह, प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा नए केस आने का सिलसिला लगातार छठे दिन भी जारी रहा।

पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ने लगा असर

चिंता की बात यह भी है कि केरल में बढ़ती महामारी का असर इसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है। कर्नाटक में भी पिछले सप्ताह के मुकाबले 17.3% नए केस ज्यादा आए हैं। वह अलग बात है कि इस बढ़त के बाद भी नए केस का आंकड़ा रविवार को 1,990 तक ही पहुंचा है। इस तरह, 1 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में कर्नाटक में 12,442 नए केस आए जबकि उससे पहले के सप्ताह में 10,610 नए केस ही दर्ज किए गए थे। वहीं, तमिलनाडु में बीते सप्ताह 13,095 नए केस आए जबकि उसके पिछले सप्ताह 13,090 केस आए थे। यहां चिंता की बात यह है कि नौ सप्ताह से नए कोरोना केस में आ रही साप्ताहिक गिरावट थम गई। पिछले चार दिनों से वहां नए कोरोना केस में मामलू ही सही, लेकिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बुधवार को यह आंकड़ा 1,756 था जो रविवार को 1,990 पर पहुंच गया।

दिल्ली में भी उभरी चिंता

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पॉजिटिविटी रेट और दैनिक नए मामलों में मामूली ही सही, लेकिन बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रविवार को 85 नए कोरोना केस मिले और पॉजिटिविटी रेट 0.12% की रही जो बीते 24 दिनों में सबसे ज्यादा है। दिल्ली में आखिरी बार 8 जुलाई को 0.12% पॉजिटिविटी रेट पाया गया था। उसी दिन नए केस की संख्या रविवार के 85 के मुकाबले ज्यादा (93) थी।

कोरोना की तीसरी लहर की आहट आना शुरु हो गई है। कोरोना के कहर का दंश पहले पूरा देश झेल चुका है। यदि हम राजस्थान की बात करें तो कई परिवार कोरोना की चपेट में आकर समाप्त हो गए। अब यदि हमें तीसरी लहर से बचना है तो सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए चलना होगा। यदि हमने इसमें लापरवाही बरती तो कोरोना का शिकार होने से कोई नहीं बचा पाएगा। बढ़ती कलम आमजन से अपील करता है कि कोरोना के संबंध में जारी सरकारी गाइडलाइन का पालन करें और अपने को व अपने परिवार को सुरक्षित रखें।