कोरोना की हार: इन देशों ने जीत ली जंग! दुनिया के लिए बन गए ‘रॉल मॉडल’

आपको ये बताते हैं कि दुनिया के कुछ देशों ने कैसे Corona Virus को हराने में सफलता पाई है हांगकांग में अब तक कोरोना के 356 केस सामने आए हैं जिनमें 4 की मौत हो चुकी है । जबकि सिंगापुर में 455 केस सामने आए हैं. और सिर्फ दो मौतें हुईं हैं. ताइवान में भी अब तक सिर्फ 195 केस हुए हैं और दो लोगों की मौत हई है. ये तीनों ही देश चीन के पड़ोसी हैं. इसके बावजूद इन देशों में कोरोना के कम Cases होना इस बात का सबूत है कि वहां की सरकार और समाज ने कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर बेहद तेजी से और बेहद कारगर कदम उठाए हैं. और कोरोना के खिलाफ इस विश्वयुद्ध में पूरी दुनिया को Guide कर रहे हैं. कोरोना वायरस को दुनियाभर में फैलने से रोकने के लिए WHO ने 3 फरवरी 2020 को सभी देशों में यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये थे..लेकिन हॉन्ग-कॉन्ग और सिंगापुर इससे दो दिन पहले यानी 1 फरवरी को ही चीन से आने वाली सभी फ्लाइट्स और यात्रियों पर ये बैन लागू कर चुके थे । हांगकांग और सिंगापुर ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में अभियान चलाकर बुखार और निमोनिया के सभी मरीजों की जांच की. Harvard University के मुताबिक एक समय सिंगापुर बाकी किसी भी देश की तुलना में तीन गुना लोगों की जांच कर रहा था. जिससे कोरोना वायरस काफी हद तक सीमित हो गया. इसके साथ ही तीनों ने दुनिया में सबसे पहले अपने नागरिकों को सामाजिक दूरी बनाने और स्वच्छता का और ज्यादा ध्यान रखने के लिए जागरुकता अभियान चलाए । जिनका जनता ने पूरी सख्ती से पालन भी किया. इन देशों ने कई ऑनलाइन Websites पर कोरोना वायरस से जुड़ी Real Time Information देने का सिस्टम तैयार किया । ताकि किसी तरह की अफवाह ना फैले और लोगों को जागरुक किया जा सके. सिंगापुर में होटलों और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के जरिये वायरस प्रभावित इलाकों की यात्रा करने वाले लोगों की जानकारी निकाली गई और उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए ले जाया गया । लोगों के कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए पैसों की चिंता न करनी पड़े. इसलिए सिंगापुर और हांगकांग ने सरकारी के अलावा प्राइवेट Labs में टेस्ट की सुविधा और इलाज फ्री कर दिया है. सिंगापुर सरकार ने अपनी यात्रा को लेकर गलत जानकारी देने की वजह से दो विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिये थे. घर पर रहने के आदेश ना मानकर सिंगापुर छोड़कर जाने वाले एक शख्स का Resident Permit तक रद्द कर दिया था। ताइवान की सरकार ने तो कोरोना के शुरुआती केस आते ही अपने यहां सर्जिकल मास्क के निर्यात पर भी रोक लगा दी थी ताकि देश में इसकी कमी ना हो सके. उसी का नतीजा है कि वहां मास्क कम नहीं हुए. यही वजह है कि ये तीनों देश अब कोरोना वायरस से निपटने में पूरी दुनिया के लिए एक केस स्टडी बन चुके हैं। Corona Virus के खिलाफ लड़ाई से जुड़ी एक अच्छी खबर भी आई है। Indian Council of Medical Research यानी ICMR ने एक एडवाइजरी जारी करके कहा है कि इस Virus से बचाव के लिए hydroxy chloro-quine नाम की दवाई का इस्तेमाल किया जा सकता है। आमतौर पर इस दवाई का इस्तेमाल मलेरिया से बचाव और उसके इलाज के लिए होता है।