इटली में भयावह स्थिति: यदि ऐसा हुआ तो भारत में क्या होगा?

मिलान badhtikalam.com इटली में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के लिए सबक है। इटली वह देश है, जहां कोरोनावायरस के अब तक 59 हजार मामले सामने आ चुके हैं और 5,400 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इटली में मौतों का आंकड़ा चीन (3,270) से भी ज्यादा है। इटली में भी लोगों ने पहले चेतावनी को नजरअंदाज किया। कर्फ्यू लगा तो उसका धड़ल्ले से उल्लंघन किया। लोग अपने-अपने शहरों की तरफ जाने लगे तो कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते गए। भारत में अगर ऐसा हुआ तो स्थिति कहीं ज्यादा भयानक होगी।  इटली अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां जो स्थिति है, वह भयावह है। लोगों में भारी डर पनपने लगा है। इस स्थिति का मुख्य कारण यही है कि यहां लोगों ने शुरुआत में कोरोना से जुड़ी चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया और जब तक लोगों को इसकी गंभीरता का अंदाजा हुआ, बहुत देर हो चुकी थी ।

इटली में जब लोग शहर छोड़कर भागने लगे
सरकार काफी पहले ही लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने और बेवजह घर से न निकलने के लिए लगातार बोल रही थी, लेकिन शुरुआत में किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। फिर जब लोगों के मरने का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ने लगा तो लोग घबराकर शहर छोड़ कर दूसरी जगह भागने लगे। इससे भी संक्रमण बेहद तेजी से फैलता चला गया। आखिरकार सरकार को निर्देश जारी करने पड़े कि कर्फ्यू (क्वॉरंटीन) का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना और कुछ महीनों की कैद भी हो सकती है। तब जाकर लोगों की आवाजाही में कमी आई।

कार बनाने वाली कंपनियां वेंटिलेटर बना रहीं
यूरोप पूरी दुनिया में वेंटिलेटर सप्लाई करता है। यहां के अस्पतालों में वेंटिलेटर की सुविधा सहज ही उपलब्ध है। लेकिन कोरोना इतनी तेजी से फैला कि यहां वेंटिलेटर की भारी कमी हो गई और यही इस मुश्किल दौर में बहुत भारी पड़ी। यहां की सरकार को पड़ोसी देशों से कई वेंटिलेटर मंगवाने पड़े और फिएट और फेरारी जैसी कार बनाने वाली कंपनियों तक से मदद मांगनी पड़ी कि ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर बनाए जा सकें। यहां इस वक्त इस महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों ने बयान भी दिए कि इस वक्त एक-एक वेंटिलेटर हमारे लिए किसी सोने की खदान जैसा हो गया है। अगर इटली जैसे हालात बनते हैं तो स्थिति यहां से कई गुना भयानक हो सकती है। इटली में पहले जो शटडाउन 2 अप्रैल तक किया गया था, उसे अब बढ़ाकर 15 अप्रैल तक कर दिया गया है। भारत को भी अभी से इस दिशा में काम करना चाहिए और पूरी तरह से शटडाउन करना चाहिए। अगर अभी से गंभीरता नहीं दिखाई तो हालात बिगड़ते ज़्यादा समय नहीं लगेगा। इस स्थिति की गंभीरता को समझें और खुद ही घरों से बिलकुल बाहर न निकलें। सरकार जो दिशा-निर्देश जारी कर रही है उसका गंभीरता से पालन करें। हमारे देश में स्वास्थ्य सुविधाएं कैसी हैं ये किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में हमें यही कोशिश करनी चाहिए कि उस नौबत से ही बचा जाए, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की जर्जर स्थिति कई मौतों का कारण बन जाए। http://badhtikalam.com