सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका: कोरोना संकट के बीच महंगाई भत्ता बढ़ाने पर लगी रोक

कोरोना वायरस संक्रमण के मौजूदा हालातों को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। मौजूदा स्थिति में एक जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से करीब 54 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे।
इससे संबंधित प्रस्ताव मोदी कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में रखा गया, लेकिन वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इस पर फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए महंगाई भत्ता रोकने संबंधी घोषणा की है।
आपको बता दें कि केन्द्र ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। अब जब इसे रोक लिया गया है तो इससे सरकार को हर महीने औसतन 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत होगी। बता दें कि सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए 14595 करोड़ रुपए के अतिरिक्त भार का प्रावधान किया था।
ज्ञात रहे कि महंगाई भत्ता वो अतिरिक्त राशि है जो सरकारी कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। ऐसे में सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए ये महंगाई भत्ते को लेकर काफी उत्सुकता रहती है। महंगाई की बढ़ती दर के अनुपात में सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की राशि तय की जाती है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले महीने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसके बाद महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़कर 21 फीसदी हो गया था। पर कोरोना वायरस के कारण बनीं मौजूदा स्थिति में 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढऩे वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। केवल इतना ही नहीं चलकर ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के तौर पर भी नहीं मिलेगा।
दरअसल कोरोना वायरस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। केंद्र सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इसके अलावा इस महामारी के चलते सरकार को आर्थिक मामलों से जुड़े कई बड़े फैसले करना पड़े हैं। ऐसे में सरकार फिलहाल महंगाई भत्ता की ये बढ़ोतरी का आर्थिक भार उठाने की स्थिति में नहीं है।