आमजन को झेलनी पड़ रही है कोरोना की मार: महंगे दामों में बिक रहे फल-सब्जी, नहीं हो रही धारा 144 (जीरो मोबिलिटी) की पालना

गंगापुर सिटी। शहर में धारा 144 (जीरो मोबिलिटी) के चलते आमजन घर में कैद हो गया है। प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था के अनुसार आमजन को आवश्यक सामान की होम डिलीवरी सही ढंग से नहीं हो पा रही है। यदि हो भी रही है तो उचित मूल्य से अधिक राशि वसूली जा रही है। आमजन मजबूरीवश सामान खरीद रहा है। बेरोजगारी के इस दौर में आमजन अपने को पूरी तरह ठगा सा महसूस कर रहा है।
कोरोना के चलते शहर में 19 अप्रैल की रात 10 बजे से धारा 144 लगा दी गई थी। 20 अप्रैल से प्रशासन की ओर से सख्ती कर दी गई, आमजन सड़क पर नहीं आ रहा। प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाने के साथ ही आमजन को आश्वस्त किया गया था कि सभी आवश्यक सामान की होम डिलीवरी उचित मूल्य पर घर बैठे ही की जाएगी। लेकिन आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने दूध की व्यवस्था को तो काफी हद तक सुधार दिया है लेकिन फल-सब्जी की व्यवस्था पर कोई कंट्रोल नहीं है।
धारा 144 (जीरो मोबिलिटी) की नहीं हो रही पालना
तीन दिन से आम नागरिक फल-सब्जी के लिए परेशान है। प्रशासन ने फल-सब्जी के लिए कुछ थोक विके्रताओं को अधिकृत तो कर दिया, लेकिन उनसे यह व्यवस्था सुचारू रूप से संभल नहीं रही है। थोक विक्रेता मेटाडोर गाड़ी से फल-सब्जी की आपूर्ति करने में लगे हैं। कॉलोनी में एक चौराहे पर गाड़ी को खड़ी कर देते हैं, पब्लिक को मजबूरन फल-सब्जी खरीदने के लिए घर से बाहर निकलकर उस गाड़ी तक आना पड़ रहा है। इससे धारा 144 का उल्लंघन तो हो रहा है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी नहीं हो रही।
खास बात यह है कि चौड़े रास्ते से मेटाडोर गाड़ी तो निकल जाती है लेकिन जो लोग संकरी गलियों में व कॉलोनी में रह रहे हैं उन तक फल-सब्जी नहीं पहुंच पा रही है। इसके लिए प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे व्यक्तियों की टीम बनाए जिनके पास हाथ रिक्शा या ठेला है। जिससे संकरी गलियों व कॉलोनियों में घर-घर जाकर फल-सब्जी की आपूति कर सके। जिससे आमजन धारा 144 का पालना के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग बनी रह सके।
महंगे दामों में बिक रहे फल-सब्जी
शहर में थोक विक्रेताओं को फल-सब्जी पूर्व की भांति आ रही है। बाहर से जो भी माल गाडियों में आ रहा है, उन गाडियों को प्रशासन ने स्वीकृति दे रखी है। इसके बाद भी फल-सब्जी विक्रेता आमजन को महंगे दामों में बैच रहे हैं। इस लॉकडाउन के दौर में इससे आमजन की आर्थिक स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है। आमजन अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है लेकिन मजबूरी में उसको खरीदना पड़ रहा है। प्रशासन को फल-सब्जी विक्रेताओं को उचित मूल्य पर ही बैचने के लिए पाबंद करना चाहिए, जिससे आमजन में प्रशासन के प्रति विश्वास की भावना जागृत हो।
फोन को कर देते हैं स्वीच ऑफ
प्रशासन की ओर से जारी किराना सामान विक्रेताओं की निर्धारित सूची के अनुसार होम डिलीवरी नहीं हो रही है। इतना ही नहीं अधिकांश किराना विक्रेता अपने मोबाइल को स्वीच ऑफ करके रखते हैं, जिससे आम नागरिक परेशान होता रहता है। प्रशासन को किराना व्यापारियों को पाबंद करना चाहिए।

विजेन्द्र मीना, उपजिला कलक्टर, गंगापुर सिटी

इनका कहना है-
फल-सब्जी विक्रय करने वाली गाड़ी पर 24 अप्रैल से निर्धारित दरों की सूची चस्पा की जाएगी। यदि निर्धारित दर से अधिक राशि वसूल की जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कॉलोनी व संकरी गलियों में भी फल-सब्जी की व्यवस्था की जाएगी।
विजेन्द्र मीना, उपजिला कलक्टर, गंगापुर सिटी