डेयरी संघ ने विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये, दुग्ध विपणन में राज्य में नम्बर वन

सवाई माधोपुर एवं करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड की सोलहवीं वार्षिक आमसभा में स्मारिका का विमोचन करते तथा प्रतिवेदन प्रस्तुत करते जिला कलेक्टर।
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सवाईमाधोपुर। देरी से भुगतान, अधिकारियों द्वारा समय पर समस्या समाधान न करना, बाजार दर के मुकाबले डेयरी द्वारा कम रेट पर दूध की खरीद के कारण जिले के पशुपालकों का डेयरी से मोहभंग हो रहा था, चिलिंग प्लांटों पर जंग लग गयी थी, बडी संख्या में दुग्ध कलेक्शन सेंटरों पर ताले लटक गये थे लेकिन प्रशासक एवं जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह के कुशल नेतृत्व, टीम भावना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना ने हालात बदल दिये हैं। अब पशुपालक स्थानीय डेयरी को दूध बेचने के लिये आगे आ रहे हैं, अपने क्षेत्र में नये चिलिंग प्लांट लगवाने के लिये प्रयास कर रहे हैं।
गुरूवार को जिला मुख्यालय स्थित सरस डेयरी परिसर में आयोजित सवाईमाधोपुर एवं करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी  संघ लि. की 16वीं वार्षिक आमसभा में यह सुखद नजारा सामने आया।
प्रशासक और जिला कलेक्टर डॉ. एस. पी. सिंह ने बताया कि संघ ने गत 10 महीने में दुग्ध विपणन में 70 प्रतिशत वृद्वि की जो राज्य में किसी भी जिले से ज्यादा है। वर्तमान में 188 समितियॉं दूध का संकलन कर रही हैं। इसमें गत 1 साल में दोगुना से ज्यादा बढोतरी हुई है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना में प्रति लीटर 2 रूपये का अनुदान दिया जा रहा है। जिले के 9838 पशुपालकों को इस योजना में 61.56 लाख रूपये की सहायता दी गई है। गत 12 माह में दुग्ध संकलन में 149 प्रतिशत तथा विपणन में 123 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से विशेष अनुरोध कर जिले में दुग्ध फेट की दर को 500 रूपये से बढाकर 690 रूपये कर दिया गया है। उन्होंने पशुपालकों का आव्हान किया कि परम्परागत और आधुनिक ज्ञान का मेल कर दुग्ध उत्पादन बढायें जिससे आय में बढोतरी हो।
जिला कलेक्टर व अन्य अतिथियों ने संघ की स्मारिका का अवलोकन किया तथा इसे पशुपालकों के लिये उपयोगी बताया। जिला कलेक्टर ने संघ का वार्षिक प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि जिले के किसान के लिये खेती के बराबर ही पशुपालन महत्वपूर्ण है। यह कम जोखिम का उद्यम है, इसे पूर्ण सहकार भावना से संचालित कर जिले की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया जा सकता है।
जिला कलेक्टर ने प्राथमिक समितियों के अध्यक्षों के साथ सार्थक संवाद कर मौके पर ही समस्या समाधान किया। उन्होंने डेयरी अधिकारियों को जिले में सर्वे कर गौ दुग्ध संकलन की मात्रा बताने के निर्देश दिये ताकि इसका पर्याप्त संकलन हो तो गाय के दूध की पृथक दर निर्धारित करें तथा इसे अलग पैकेजिंग में बेचा जाये ताकि पशुपालकों की आय बढे। उन्होंने डेयरी अधिकारियों को पशु चिकित्सा अधिकारियों को गांवों में भेजने, भगवतगढ और खण्डार में चिलिंग प्लांट स्थापित करने, चांदरौली को रूट में शामिल करने के निर्देश दिये। कार्यक्रम में आरसीडीएफ के महाप्रबंधक सीएस खोसला ने डेयरी संघ की आय बढाने तथा पशुपालकों की खुशहाली के लिये जिला कलेक्टर का आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि गत 9 साल में पहली बार जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी. सिंह ने पहली बार संघ की वार्षिक आमसभा बुलवाई। लगातार 2 साल में 2 बार इसका आयोजन उनके डेयरी के प्रति उत्साह को प्रदर्शित करता है तो इस जिले के पशुपालकों के लिये गर्व और सम्मान का विषय है। इस अवसर पर प्रबंध संचालक जीपी मीणा, पशुपालन विभाग के डॉ. चन्द्रप्रकाश मीणा, आत्मा के उप निदेशक अमर सिंह भी उपस्थित रहे।