DR. Babulal Meena 16 सितम्बर को साहित्य मण्डल, श्रीनाथद्वारा से होंगे सम्मानित

गंगापुर सिटी। डॉ. बाबूलाल मीना राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था साहित्य मण्डल, श्रीनाथद्वारा से साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट सम्पादन एवं लेखन के लिए 16 सितम्बर को श्रीनाथद्वारा में सम्मानित होंगे।
ग्राम कैमा, तहसील नादौती, जिला करौली, राज. के सामान्य कृषक परिवार में 1973 में जन्मे डॉ. मीना ने 1994 में राजकीय महाविद्यालय गंगापुर सिटी में कला संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त किया। तत्पश्चात् 1996 में राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की एम.ए. संस्कृत परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर विश्वविद्यालय स्वर्णपदक प्राप्त किया। इसी वर्ष दो बार यू.जी.सी. जे.आर.एफ. परीक्षा उत्तीर्ण की। आप 1997 में राजस्थान लोक सेवा आयोग से चयनित होकर एस. बी. पी. राजकीय महाविद्यालय डूँगरपुर में व्याख्याता संस्कृत के पद पर पदस्थ हुए। तदुपरान्त राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से ही साहित्याचार्य प्रथम श्रेणी में स्वयंपाठी रूप से उत्तीर्ण की। 12 वर्षों तक डूँगरपुर महाविद्यालय में संस्कृत विभागाध्यक्ष रहे और बी.एच.यू. वाराणसी से संस्कृत नाटकों में अद्भुत रस पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. मीना ने देशभर में 22 अन्तर्राष्ट्रीय, 52 राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध पत्र वाचन किया है। इनके यू.जी.सी. लिस्टेड प्रतिष्ठित जर्नल्स और आई.एस.बी.एन. पुस्तकों में 45 शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं तथा सम्पूर्ण देश की विभिन्न 7 विद्वानों के अभिनन्दन ग्रन्थ में लेख प्रकाशित हैं। चार राष्ट्रीय कार्यशालाओं में सहभागिता की है। इनकी दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रकाशकों से 8 पुस्तकें प्रकाशित हैं।

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आदिवासी क्षेत्र डूँगरपुर में संस्कृत के प्रचार में विशेष योगदान के लिए सन् 2007 में राज्यस्तरीय समारोह में राजस्थान संस्कृत अकादमी जयपुर के द्वारा श्रेष्ठ संस्कृत शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार ग्वालियर साहित्य संस्थान, म.प्र. के द्वारा 2018 में साहित्य सम्मान और भरतपुर के शिक्षा संकल्प संस्थान के द्वारा 2019 में श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया गया। आपके व्यक्तिगत पुस्तकालय में 2000 पुस्तकें और 600 जर्नल्स के अंक उपलब्ध हैं। आपके व्यक्तिगत पुस्तकालय में 20 जर्नल्स, पत्र पत्रिकाएँ नियमित आती हैं। आप प्राच्य प्रज्ञा ऑनलाईन रिसर्च जर्नल (हिमाचल प्रदेश), चिन्तन और प्रमाण (रोहतक) भारतवर्ष के विभिन्न प्रान्तों से प्रकाशित त्रिपगा (वाराणसी), संस्कार चेतना (कुरुक्षेत्र) यू.जी.सी. लिस्टेड जर्नल्स के सम्पादक मण्डल/परामर्श मण्डल के सदस्य के रूप में भी कार्यरत हैं।
डॉ. मीना एआईओसी पुणे और महाकवि भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति ग्वालियर (म.प्र.) के आजीवन सदस्य हैं। महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर और राजकीय स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दतिया (म.प्र.) की पाठ्यक्रम निर्माण समिति (बी.ओ.एस.) के सदस्य भी हैं। आप संस्कृत के प्रचार हेतु दृढ़संकल्पित और समर्पित हैं। आप वर्तमान में महारानी श्री जया राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्कृत विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।
आपको बता दें कि साहित्य मण्डल, श्रीनाथद्वारा विगत 40 वर्षों से सम्पूर्ण भारतवर्ष के 25 विद्वानों को प्रतिवर्ष साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से पुरस्कृत करता है।