पाठकों के प्यार की बदौलत बढ़ता रहेगा ‘बढ़ती कलम’

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बढ़ती कलम अपने सफलतम 11 वें वर्ष में चल रहा है। इन 11 वर्षों में ‘बढ़ती कलम’ ने कई उतार-चढ़ाव देखे, कई चुनौतियों का सामना किया, पर पत्रकारिता के धर्म का हमेशा निवर्हन किया। देखते-देखते 10 वर्ष से अधिक समय गुजर गया, लेकिन ‘बढ़ती कलम’ के प्रति पाठकों का प्यार बढ़ता ही जा रहा है। आज जब ‘बढ़ती कलम’ अपनी यात्रा के अगले पड़़ाव की ओर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है तो यह अपने पाठकों के प्यार की बदौलत ही है। बढ़ती कलम इतनी तेजी से सफल इसलिए हो पाया, क्योंकि इसने सबसे ज्यादा पाठकों का खयाल रखा। पाठकों का मान रखा, पाठकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए जी-जान लगाया।
‘बढ़ती कलम’ की कलम कभी बिकाऊ नहीं बनी और न ही ब्लैकमेलिंग का सहारा लिया। हमने अखबार को दलाली का माध्यम नहीं बनने दिया। हमने पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को निभाने की पूरी कोशिश की है। हमने अखबार को खबरों का जरिया बनाने की कोशिश है, विज्ञापन का नहीं। आज भी जब ‘बढ़ती कलम’ का जिक्र होता है, तो सबके दिमाग में लोकल खबरों से लैस एक ऐसे अखबार की छवि बनती है, जो पाठकों के लिए जरूरी हर विषय पेश करता है।
वैसे आज दुनिया इंटरनेट के कारण सिकुड़ रही है। सूचनाओं का प्रवाह भी तेजी से बढ़ रहा है। लोग मोबाइल फोन पर खबरें पढऩे लगे हैं। यही कारण है कि हमने भी खुद को वेबसाइट के साथ मोबाइल एप से जोड़ा और अपने कलेवर को बदलते रहे। मोबाइल एप के माध्यम से पाठक पल-पल की खबरों से रूबरू होता रहेगा।
पाठकों के हित से जुड़े विषय पर हमारी कलम चली। हमने स्टूडेंट्स का ध्यान रखा, तो बड़े-बुजुर्गों का भी। हमारी खबरें किसी को खुश करने के लिए नहीं होती, बल्कि समाज को आईना दिखाती हैं। हम हमेशा सच के साथ खड़े रहे हैं और भविष्य में भी सच को ही तवज्जो देंगेे।
अक्सर बड़े राष्ट्रीय समाचार पत्रों में देश-दुनिया की खबरें तो होती हैं, पर लोकल न्यूज गायब होती है। ‘बढ़ती कलम’ ने इस कमी को बखूबी पूरा किया। यही कारण रहा कि हमें पाठकों का प्यार मिलता चला गया। हमारी कई खबरों पर प्रशासन चेता है और राजनेताओं ने सुधार की पहल की है। गंगापुर और आस-पास के क्षेत्र की जनता का जो विश्वास हम पर बना हुआ है, उसे और ज्यादा मजबूत करने का हमारा प्रयास जारी रहेगा। पाठकों का विश्वास ही हमारी पूंजी है। संवाद की हमारी परंपरा काफी पुरानी है। अगर आपने मन में ‘बढ़ती कलम’ को लेकर कोई सुझाव है तो आप बेझिझक हमें बता सकते हैं।
एक मायने में ‘बढ़ती कलम’ की विकास यात्रा आधुनिक भारत की नियति से जुड़ी हुई है, यह उसकी सहयात्री रही है और इस यात्रा में हमने अपने पाठकों को भी कदम-कदम पर उतना ही अपने साथ पाया है, जितना कि पाठकों ने ‘बढ़ती कलम’ को। सवाईमाधोपुर व करौली जिले के पाठकों के असीम स्नेह की वजह से बढ़ती कलम आज भी उनके लिए उत्कृष्टता, प्रतिबद्धता, सुरुचि और विश्वसनीयता का प्रतिमान बना हुआ है। समय के साथ कदमताल करने के ध्येय से भी ‘बढ़ती कलम’ डिगा नहीं है, न आगे डिगेगा। हम आशा करते हैं कि ‘बढ़ती कलम’ के प्रति पाठकों, एजेन्ट बंधुओं, विज्ञापनदाताओं समेत सभी शुभेच्छुओं का स्नेह और सहयोग इसी तरह आगे भी बना रहेगा।
शुभकामनाओं के साथ
‘बढ़ती कलम’ परिवार