
हिंदू पंचांग के अंतिम माह फाल्गुन की शुरुआत 17 फरवरी से होगी। इसमें शिव आराधना के महापर्व महाशिवरात्रि के साथ ही रंगों के त्योहार होली का उल्लास भी छाएगा। शिव मंदिरों में विभिन्न आयोजन होंगे। इसके अतिरिक्त मठ-मंदिरों के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों के फाग उत्सव भी होंगे। व्रत, तीज और त्योहार के अतिरिक्त महापुरुषों की जयंती भी इस महीने मनाई जाएगी।
ज्योतिर्विद देवेंद्र कुशवाह ने बताया कि इस महीने को आनंद और उल्लास का महीना माना जाता है। फाल्गुनी कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव की उपासना का पर्व महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इसे चंद्रमा का जन्म माना जाता है। इसलिए उनकी उपासना भी की जाती है। इस माह में धार्मिक महत्ता रखने वाला रंगों का त्योहार होली भी आएगा। ज्योतिर्विद राजेश चौबे के अनुसार, फाल्गुन माह में भगवान कृष्ण और देवी रुक्मणी की उपासना का भी महत्व माना गया है। माह की शुरुआत के साथ आराध्य को लगने वाले भोग में भी बदलाव होगा। माघ माह में जहां भोग में तिल के व्यंजनों का विशेष महत्व था, वही इसमें मेवे-मिष्ठान्न और फलों का विशेष महत्व माना जाता है।
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फाल्गुन माह के प्रमुख व्रत-त्योहार/ जयंतियां
– छत्रपति शिवाजी जयंती – 19 फरवरी
– गणेश चतुर्थी – 20 फरवरी
– सीता अष्टमी – 24 फरवरी
– विजया एकादशी व स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती – 26 फरवरी
– महाशिवरात्रि – 1 मार्च
– फाल्गुन अमावस्या – 2 मार्च
– फुलेरा दूज एवं रामकृष्ण जयंती – 4 मार्च
– होलाष्टक – 10 मार्च से
– आमलकी एकादशी – 14 मार्च
– होलिका दहन – 17 मार्च
– धुलेंडी व चैतन्य महाप्रभु की जयंती – 18 मार्च