कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 55 दिन बीत चुके हैं। कड़ाके की ठंड में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर महापड़ाव जारी है। आंदोलनकारी किसानों के साथ सरकार की बुधवार को 10वें राउंड की वार्ता होनी है। इस बैठक में दोनों पक्ष पूरी तैयारी के साथ हिस्सा लेंगे। वार्ता से पहले दोनों पक्षों की तरफ से बयान दिए गए कि इस बैठक में तनातनी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के सदस्यों की अपनी बैठक मंगलवार को हो गई। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान संगठनों के नेताओं को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सलाह दी है।
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इससे पहले मंगलवार को किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच बैठक हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि दिल्ली में किसानों को एंट्री दी जाएगी या नहीं। यह मसला दिल्ली पुलिस तय करेगी। कोर्ट ने इसे कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा बताया था। बता दें कि अब तक सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल सका है। ऐसे में अगले राउंड की मीटिंग पर लोगों की नजरें बनी हुई है।
हालांकि, किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त मोर्चा की मीटिंग में फूट नजर आई। रविवार को बैठक में हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर हरियाणा के कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर 10 करोड़ रुपये लेने और हरियाणा सरकार गिराने के आरोप लगे हैं।