बयाना के गांव अड्डा में गत शनिवार को हुई गुर्जर महापंचायत में कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन करने पर और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं लेने पर कर्नल बैंसला समेत 33 गुर्जर नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कर्नल के पुत्र विजय बैंसला ने पलटवार करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। बैंसला ने कटाक्ष करते हुए एफआईआर दर्ज होने पर सीएम गहलोत व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा को गुर्जर समाज की ओर से धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। कहा कि शांतिपूर्ण हुई महापंचायत के बाद भी एफआईआर पर हैरानी जताई। सोमवार को बयाना पहुंचे युवा गुर्जर नेता विजय बैंसला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कानून में समान अपराध के लिए समान दंड का प्रावधान है। अगर कोविड गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर गुर्जर समाज के नेताओं पर एफआईआर दर्ज हो सकती है तो फिर सीएम अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ डोटासरा व कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर भी कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने का केस दर्ज होना चाहिए।
सरकार सीएम और गहलोत, डोटासरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती तो गुर्जरों के खिलाफ भी एफआईआर निरस्त हो
अगर सरकार सीएम गहलोत, डोटासरा व माकन के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकती तो फिर गुर्जरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर भी निरस्त होनी चाहिए। बैंसला ने कहा कि जानकारी में आया है कि सरकार ने सौ लोगों से अधिक की भीड़ एक साथ जुटने पर 10 हजार का जुर्माना तय किया है। मांगे पूरी नहीं होने पर एक नवम्बर को होने वाले राजस्थान जाम आंदोलन के लिए जुटने वाली भीड़ के लिए वह पहले से एडवांस जुर्माना जमा कराने को तैयार हैं। उनके साथ मौजूद आरक्षण संघर्ष समिति के भूरा भगत ने कहा कि एफआईआर करा के सरकार गुर्जर समाज को डराने की सोच रही है, लेकिन ये तय है कि अगर 31 अक्टूबर तक मांगें पूरी नहीं हुईं तो एक नवम्बर को राजस्थान जाम होगा। इसी तरह संघर्ष समिति से जुड़े रहे दीवान शेरगढ़ ने कहा कि गुर्जर नेताओं के खिलाफ एफआईआर करा कर सरकार ने समाज के साथ धोखा व विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार की तरफ से भेजे गए आईएएस नीरज के पवन के मांगों को पूरा कराने के भरोसे के बाद आंदोलन को टाल दिया गया तो फिर एफआईआर क्यों दर्ज कराई गई।
सोशल मीडिया पर भी दी प्रतिक्रिया
विजय बैंसला ने अपने ट्विटर हैंडल पर समान अपराध समान दंड के नाम से ट्वीट करते हुए सीएम, पीसीसी चीफ व माकन के भीड़ के साथ खड़े फोटो भी शेयर किए हैं। उन्होंने लिखा जितना दबाओगे, उतना उबालेंगे-हम जिंदा कौम हैं, बुजदिल सरकार नहीं। एक तरफा कार्यवाही अन्याय है-सौदा बराबरी का होना चाहिए।