घर वापसी पर बोले घनश्याम तिवाड़ी: मैं जन्म से ही भाजपाई, कांग्रेस की नहीं ली सदस्यता

राजस्थान की वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी की आज घर वापसी हो गई। भाजपा मुख्यालय पर दोपहर 12 बजे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। घनश्याम तिवाड़ी का 19 दिसंबर को जन्मदिन है। ऐसे में भाजपा में उनकी वापसी को उनके लिए एक गिफ्ट के तौर पर देखा जा रहा है। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले तिवाड़ी वसुंधरा राजे के घोर विरोधी रहे हैं। राजे के विरोध के चलते ही उन्होंने न केवल भाजपा का दामन छोड़ा, बल्कि अपनी नई पार्टी भारतवाहिनी बनाई थी। इसी पार्टी से उन्होंने साल 2018 में सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सके थे। भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में तिवाड़ी ने कहा, ‘मैंने कभी भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण ही नहीं की। मेरे मन में हमेशा से भाजपा ही रही है। मैं शुरू से ही संघ से जुड़ा रहा हूं।’ वहीं, वसुंधरा के विरोध से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय जो भी मुद्दे थे वह सेटल हो चुके हैं। तिवाड़ी ने यह भी कहा कि उनका चुनाव लड़ने का अभी कोई इरादा नहीं है। वह पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं।

राहुल गांधी के कार्यक्रम में शामिल होकर जॉइन की थी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर में एक रोड शो किया था। इसके बाद जयपुर के रामलीला मैदान में आयोजित एक जनसभा में तिवाड़ी ने कांग्रेस जॉइन की थी। उनके साथ भाजपा नेता रह चुके सुरेंद्र गोयल (पूर्व कैबिनेट मंत्री) और जनार्दन गहलोत (पूर्व कैबिनेट मंत्री) भी कांग्रेस से जुड़े थे।

घनश्याम तिवाड़ी का राजनीतिक सफर
तिवाड़ी भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल रहे हैं। पार्टी में कई अहम पदों पर उन्होंने काम किया है। वह 6 बार चुनाव जीतकर राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं। तिवाड़ी 1980 में पहली बार सीकर से विधायक बने। इसके बाद 1985 से 1989 तक सीकर से विधायक रहे। 1993 से 1998 तक विधानसभा क्षेत्र चौमूं से विधायक बने। जुलाई 1998 से नवंबर 1998 तक भैरोंसिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं। दिसम्बर 2003 से 2007 तक वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाली।