राज्यसभा में पीएम मोदी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद की विदाई के दौरान भावुक हो गए। सदन में जम्मू कश्मीर के मुद्दों को लगातार उठाने वाले आजाद 15 फरवरी को राज्यसभा से रिटायर हो जाएंगे। साल 2014 के बाद से आजा विपक्ष के नेता की सटी पर काबिज थे जो अब खाली हो जाएगी। इस लिहाज से विपक्ष का अलगा नेता कौन बनेगा।
विपक्ष के नेता की रेस में चार प्रमुख चेहरे आनंद शर्मा, मल्लिकार्जुन खड़गे, पी चिदंबरम और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। आजाद ने दो दशकों से ज्यादा समय तक कांग्रेस को अपनी सेवाएं दी है। 2014 में कांग्रेस यूपीए सरकार को घाटी से बाहर कर दिया गया तो गुलाम नबी आजाद को विपक्ष के रूप में चुना गया।
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आजाद ने पीएम मोदी की भावुकता पर कहा जम्मुकश्मीर घटना को याद कर के भावुक हो रहे थे। गौरतलब है कि 2006 में जब आजाद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री थे तब कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हो गया था। इस हमले में कुछ प्रयटकों की मौत हो गई थी। मोदी ने राज्यसभा को बताया कि तब सबसे पहले गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं। आजाद ने कहा कि वे इसी घटना को याद कर के पीएम बीच-बीच में भावुक हो रहे थे।
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