खुशखबरी: रेलवे परीक्षा की नई व्यवस्था, कर्मचारियों को राहत, अधिकारी बनना होगा आसान, बदले परीक्षा के नियम

रेलवे के लाखों कर्मचारियों के लिए यह खुशखबरी है। अब उनका अधिकारी बनने का सपना आसानी से पूरा हा सकेगा। विभागीय परीक्षा को लेकर अब रेलवे ने नियमों में बदलाव कर दिया है। नई व्‍यवस्‍था के बाद से कर्मचारी को प्रमोशन पाने में मदद मिल सकेगी। रेलवे बोर्ड ने ग्रुप सी से बी में विभागीय पदोन्नति के लिए होने वाली परीक्षा में फिर संशोधन किया है। एक माह पहले बनाई गई प्री व मेंस परीक्षा की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब केवल एक परीक्षा होगी। 60 फीसद या अधिक अंक पाने वाले साक्षात्कार के लिए बुलाए जाएंगे। पहले यह सीमा 75 फीसद थी। माइनस मार्किंग और पूरे देश में एक साथ परीक्षा की व्यवस्था यथावत रहेगी। नई व्यवस्था एक जनवरी 2021 के बाद रिक्त पदों के सापेक्ष होने वाली सीमित विभागीय (70 और 30 फीसद) प्रतियोगी परीक्षा में समान रूप से लागू होगी। इससे कर्मचारी से अधिकारी बनने की राह आसान हो गई है। परीक्षा में एक-एक नंबर के 125 बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। हर गलत जवाब पर एक तिहाई अंक कटेगा। इसमें सौ प्रश्न हल करना अनिवार्य होगा। रेलवे के कई जोन में पदोन्नति परीक्षाएं चल रही हैं। बोर्ड ने लेखा को छोड़कर यातायात, वाणिज्य, कार्मिक, सिग्नल, विद्युत, यांत्रिक, इंजीनियरिग और स्टोर की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। रोक वहीं है, जहां अभी तक लिखित परीक्षा नहीं हुई है। जहां लिखित परीक्षा हो चुकी है, वहां साक्षात्कार जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है। 70 फीसद की सीमित विभागीय प्रतियोगी परीक्षा में ग्रुप सी के वरिष्ठ रेल कर्मचारी (पर्यवेक्षक स्तर) और 30 फीसद की परीक्षा में 4200 ग्रेड पे में पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके ग्रुप सी के सभी कर्मचारी भाग लेते हैं।

एक नजर :

– रेलवे ने आसान किया कर्मचारी से अधिकारी बनना

– विभागीय पदोन्नति के लिए प्री एवं मेंस खत्म, केवल एक परीक्षा होगी।

– अब 125 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। प्रत्येक गलत जवाब पर एक तिहाई अंक काटे जाएंगे।

– सौ प्रश्न अनिवार्य, 60 फीसद या अधिक अंक पाने वाले दे साक्षात्कार सकेंगे।

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