बिगड़ी चिकित्सा व्यवस्था का मामला पहुुंचा हाईकोर्ट: जवाब-तलब

गंगापुर सिटी / जयपुर। राज्य में बिगड़ी हुई चिकित्सा व्यवस्था के मामले में पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती एवं जस्टिस सतीश शर्मा की खंडपीठ ने सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक तथा राजस्थान के चिकित्सा सचिव से जवाब-तलब किया। अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी एवं डॉ. टी. एन. शर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में चिकित्सा व्यवस्था बहुत दयनीय स्तर पर पहुंच गई है। राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल में भी स्थिति बहुत खऱाब है, जबकि प्रति वर्ष करोड़ों रुपए उसके रख-रखाव एवं प्रशासन पर खर्च किए जाते हैं। जहां पर राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में आईसीयू में चूहे घूमते हुए देखे जा सकते हैं।
इसी प्रकार याचिका में बताया गया है कि छोटे शहरों की स्थिति और भी अधिक खऱाब है। गंगापुर सिटी, झुंझुन आदि शहरों में महामारी के करीब दस महीनों के बाद भी न तो वेंटीलेटर है और न ही उचित स्वास्थ संसाधन है। संस्था के सदस्यों ने गंगापुर सिटी आदि कस्बों के अस्पतालों का दौरा किया, जहां पर अस्पतालों की स्थिति बहुत खऱाब देखी गई। कई जगह गंदगी के ढेर मिले, जिसकी वजह से मरीजों को न चाहते हुए भी निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है, जिससे मरीजों का बहुत अधिक खर्चा होता है। याचिका में राजस्थान उच्च न्यायालय के किसी जज की अध्यक्षता में कमेटी के गठन तथा सभी अस्पतालों में उचित संसाधन उपलब्ध करवाने की गुहार की गई है। न्यायालय ने सुनवाई के बाद सम्बंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया। गंगापुर निवासी अधिवक्ता डॉ. टी. एन. शर्मा पब्लिक अगेंस्ट करप्सन संस्था के सचिव भी हैं और जनहित के कार्यों में अग्रणी रहते हैं।