Diabetes को कंट्रोल करना हो तो तुरंत बदल दें अपनी ये आदतें, होता है सबसे ज्यादा नुकसान

Home Remedies In Diabetes: मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल, डाइट और आयुर्वेदिक घरेलू उपचार जरूरी हैं. आयुर्देव में ऐसी कई चीजें हैं जिनसे आपको ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलगी.

डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है, जो दुनियाभर में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि कम उम्र के ​लोगों में भी ये बीमारी देखी जा रही है. डायबिटीज (Diabetes) की कंडीशन तब पैदा होती है, जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता और इसका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल नहीं कर पाता. 

How To Control Diabetes:

खतरे को कम या रिवर्स कर सकते हैं

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें, डाइट और तनाव जैसी बातें डायबिटीज के खतरे को बढ़ाती हैं. फैमिली में अगर किसी को डायबिटीज (Diabetes) है, तो इसका प्रभाव भी पड़ता है और आपको ये बीमारी हो सकती हैं, लेकिन आप इस खतरे को कम या रिवर्स कर सकते हैं. डायबिटीज (Diabetes) की वजह से आपको किडनी, हार्ट डिजीज से लेकर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इनएक्टिव लाइफस्टाइल, मसल मास लॉस की वजह बनती है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस की समस्या आने लगती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, आपकी बॉडी फिजिकली एक्टिव रहने के लिए बनी है. 

डायबिटीज़ के लक्षण (Symptoms Of Diabetes)

सबसे पहले आप ये जान लें कि डायबिटीज के लक्षण क्या होते हैं. टाइप-1 डायबिटीज होने पर लक्षण बहुत तेजी से दिखते हैं, वहीं टाइप-2 डायबिटीज में शुरुआत में काफी कम लक्षण नजर आते हैं. ये हैं टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के शुरुआती लक्षण हैं.

चिड़चिड़ापन , आंखों में धुंधलापन, घाव का देरी से भरना, स्किन इंफेक्शन, बहुत प्यास लगना, बार-बार टॉयलेट आना, बहुत भूख लगना, वजन बढ़ना या कम होना, थकान, ओरल इंफेक्शन्स, वजाइनल इंफेक्शन्स,

कुछ आदतों को बदलें

अगर आप ज्यादातर गेंहूं और चावल जैसे स्टेपल फूड पर निर्भर हैं और बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं, तो ये डायबिटीज (Diabetes) के खतरे को बढ़ाएगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक,  हमारी बॉडी को कार्बोहाइड्रेट को आसानी से तोड़ लेती है, जिससे ग्लूकोज का लेवल तेजी से बढ़ता है. डायबिटीज (Diabetes) के खतरे को बढ़ाने का दूसरा बड़ा फैक्टर है स्ट्रेस या तनाव. स्ट्रेस मेटाबॉलिक एक्टिविटी को प्रभावित करता है और इससे कई तरह के हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे ब्लड शुगर बढ़ता है.  डायबिटीज के खतरे को रिवर्स करने के लिए कुछ आदतों को बदलें. अर्ली स्टेज या प्री डायबिटीज स्टेज में ही अगर आप कुछ बातों का ख्याल रखते हैं, तो इसके खतरे को कम किया जा सकता है. 

कार्बोहाइड्रेट के इनटेक को कम करें

सबसे पहले ये जानें कि डेली डाइट में आप कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी ले रहे हैं. डायबिटीज (Diabetes) के खतरे को रिवर्स करने के लिए सबसे पहले कार्बोहाइड्रेट के इनटेक को कम करें. इसे 50 प्रतिशत कर दें. ज्यादातर लाोग 60 से 70 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लेते हैं. जैसे ही आप इसे करीब 10 प्रतिशत तक कम करेंगे, आपको बदलाव नजर आएगा. 

वॉकिंग

रोजना वॉक करना आपको कई तरह से फायदा पहुंचाता है. एक्सरसाइज और वॉकिंग करें. इससे भी डायबिटीज (Diabetes) का खतरा कम होगा. हफ्ते में कम से कम तीन दिन 15 से 20 मिनट एक्सरसाइज करें.

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डायबिटीज के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय (Ayurvedic And Home Remedies for Diabetes)

1- जामुन के बीज- डायबिटीज के आयुर्वेदिक इलाज में जामुन के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लें. इसका चूर्ण बना लें. अब इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें. इससे डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. 

2- अंजीर के पत्ते- अंजीर के पत्तों को खाली पेट चबाने या पानी में उबाल कर पीने से मधुमेह कंट्रोल रहता है. अंजीर के पत्तों में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जिससे ब्लड शुगर का लेवल कम करने में मदद मिलती है. 

3- मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद मानी जाती है. मेथी के बीज खाने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है. इसके लिए आपको एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रखना है. सुबह खाली पेट बीज समेत पानी को पी लें. आपको इसके आधे घंटे तक कोई दूसरी चीज नहीं खानी है. 

4- जैतून का तेल- जैतून के तेल का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है. इससे ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल को कम करने में मदद मिलती है. जैतून के तेल से ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है. लंबे समय तक जैतून के तेल का उपयोग करने से हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी कम रहता है.

5- लहसुन- लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है. सभी के घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है. लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें. सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें. 

6- दालचीनी- खड़े मसालों में दालचीनी सभी के घर में इस्तेमाल होती है. दालचीनी से डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है. इसमें मधुमेह विरोधी गुण पाए जाते हैं. दालचीने के उपयोग से ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए आप रोज आधा चम्मच दालचीनी पाउडर का सेवन करें. 

7- अंगूर के बीज- डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए अंगूर के बीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है. इनमें ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं. अंगूर के बीज को पीस कर चूर्ण बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. अंगूर के बीज में विटामिन ई, फ्लेवोनोइड्स, लिनोलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं. जो डायबिटीज के इलाज में प्रभावी होते हैं. 

8- एलोवेरा- पिछले काफी समय से आयुर्वेद में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा रहा है. मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए भी एलोवेरा के जूस का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है. एलोवेरा जूस पीने से रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. एलोवेरा में हाइड्रोफिलिक फाइबर, ग्लूकोमानन और फाइटोस्टेरॉल जैसे तत्व होते हैं जिससे ब्लड शुगर कम रहता है. 

9- आंवला- आंवला डायबिटीज में भी फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी से पाया जाता है. आंवला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं. आंवला खाने के 30 मिनट में ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है. आप आंवला पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

10- नीम- नीम के पत्ते चबाने और रस पीने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं. इसके अलावी नीम में एंटी-डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं. ये सभी तत्व मधुमेह भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Badhti kalam पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.