उद्योग विभाग को एसएचजी महिलाओं के लिए हाटों के उपयोग की सहमति प्रदान करने के निर्देश

जयपुर। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने आजीविका विकास कार्यक्रम के माध्यम से स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए उद्योग विभाग को शहरी एवं ग्रामीण हाटों का उपयोग करने की सहमति प्रदान करने के निर्देश दिए। 
मुख्य सचिव आर्य ने गुरुवार को यहां शासन सचिवालय में वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास विभाग और उद्योग विभाग आपसी समन्वय से इन हाटों का एसएचजी महिलाओं के स्थायी उपयोग के लिए अनुबंध पर चर्चा कर निर्णय करें। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग इन परिसम्पत्तियों के विकास के लिए सहमति प्रदान करें ताकि जरूरतमंद महिलाओं को रोजगार का अवसर मिल सके। उन्होेंने इनके क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कमेटियों के गठन के निर्देश दिए। 

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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति, घुमंतू जाति तथा अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं के जीवनयापन को बेहतर करने के लिए स्वरोजगार हेतु समुचित प्रशिक्षण एवं आवश्यक आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग के अधीन जैसलमेर, बीकानेर, दौसा, कोटा, उदयपुर, जोधपुर एवं जयपुर के शहरी एवं ग्रामीण हाट में आधारभूत संरचना विकास कर सुविधा मुहैया करवाना प्रस्तावित है।  बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव एवं आजीविका परियोजना के मिशन निदेशक डॉ. के.के.  पाठक तथा उद्योग विभाग के शासन सचिव आशुतोष पेड़णेकर उपस्थित थे।