भीलवाड़ा जिले के दो राजकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम का वर्चुअल उद्घाटन

ग्रामीण क्षेत्रों में निशुल्क ऑनलाइन शिक्षा के लिए गंभीर प्रयास जरूरी -राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यावहारिक चुनौतियों को दूर करने में डिजिटल माध्यम वरदान साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज गांवों के बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफॉर्म का लाभ निशुल्क मिल सके, इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जाने चाहिए।
राज्यपाल मिश्र भीलवाड़ा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय देवरिया एवं पनोतिया में स्मार्ट क्लासरूम के वर्चुअल उद्घाटन के बाद गुरूवार को यहां राजभवन से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में डिजिटल माध्यम ने शिक्षण व्यवस्था को बाधित नहीं होने दिया। हालांकि, डिजिटल माध्यम के दुष्प्रभावों से बच्चे कैसे बचें, इस पर भी शिक्षकों को ध्यान देने की जरूरत है।  
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें मोबाइल एप, डिजिटल शिक्षा, मूल्यांकन में इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के अधिकाधिक इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। इसके लिए जरूरी है कि उपेक्षित और कमज़ोर वर्ग के बच्चों में डिजिटल साक्षरता लाने के लिए शिक्षा में एक जीवंत डिजिटल इको-सिस्टम बने।

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राज्यपाल मिश्र ने कोरोना टीकाकरण के अभियान में सभी से सकारात्मक सहयोग का आह्वान करते हुए अपना तथा अपनी पात्र संतानों का टीकाकरण शीघ्र करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इसके नए-नए रूप सामने आ रहे हैं इसलिए सभी लोग मास्क लगाए रखें तथा दो गज दूरी, और स्वच्छता नियमों की पालना करें।
राज्यपाल ने स्मार्ट क्लासरूम के लिए सहयोग करने वाली समर्थनम संस्था के चेयरमैन जी. के. महांतेश के पूर्ण रूप से दृष्टि बाधित होते हुए भी इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि व्यक्ति यदि ठान ले तो कोई भी शारीरिक बाधा उसके लक्ष्य में आड़े नहीं आ सकती। उन्होंने देवरिया ग्राम पंचायत के राजकीय विद्यालय में खेल सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए सरपंच श्रीमती किस्मत गुर्जर द्वारा अपना एक वर्ष का वेतन दान करने की पहल को भी अनुकरणीय बताया।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान विधायक कैलाश मेघवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि संविधान की मूल भावना को यदि सभी नागरिक समझ लेंगे तो राष्ट्र का कल्याण निश्चित है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से राज्यपाल मिश्र द्वारा संविधान की उद्देश्यिका एवं मूल कर्तव्यों के वाचन की पहल सराहनीय है।
इस दौरान राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, समर्थनम संस्था के उत्तर भारत निदेशक शैलेन्द्र कुमार यादव स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, जिला स्तरीय अधिकारीगण ऑनलाइन एवं प्रत्यक्ष उपस्थित रहे।