ये प्रदर्शन है या अराजकता: जब सब खत्म हो जाएगा तब सरकार चेतेगी क्या?

डूंगरपुर में उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर तोडफ़ोड़ और आगजनी करने वाले उपद्रवियों ने बीती देर रात खेरवाड़ा में भी जमकर उत्पात मचाया। जिले के बॉर्डर और उदयपुर जिले में लगने वाले खेरवाड़ा में पांच निजी ट्रेवल्स की बसें जला दीं तथा दुकानों-होटलों में तोड़-फोड़ की। इसके विरोध में शनिवार को व्यापारियों ने खेरवाड़ा थाने का घेराव किया।
व्यापारियों ने एसडीएम को ज्ञापन भी दिया है। मामले को बढ़ता देख प्रशासन ने आदिवासी बहुल खेरवाड़ा और ऋषभदेव में भी इंटरनेट बंद कर दिया है। हालात को भांप कर आईजी बिनीता ठाकुर, एसपी कैलाश चंद्र विश्नोई, जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा जाब्ते सहित खेरवाड़ा में मौजूद रहे। खेरवाड़ा में व्यापारियों ने कहा कि हमारी दुकानें लूटी जा रही हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। हमारा जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा। जब सब खत्म हो जाएगा तब सरकार चेतेगी क्या। हालांकि दिन में कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिन से डूंगरपुर जिले में उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर कांकरी डूंगरी के पास गुरुवार शाम चार बजे से अराजकता का नंगा नाच जारी है। उपद्रवियों ने दो दिनों में पुलिस की गाडिय़ों सहित करीब 55 से अधिक वाहन फूंक डाले हैं, कई मकानों-दुकानों, होटलों में लूटपाट की है।
सिसोद से ोतलीमोड़ के बाद अब उदयरपुर बॉर्डर तक पहुंचे। सिसोद से मोतलीमोड़ के बीच पांच किलोमीटर का एरिया उपद्रवियों के कब्जे में है। यहां परिवहन पूरी तरह रुका हुआ है। अब ये डूंगरपुर के बॉर्डर पर तथा उदयपुर जिले में खेरवाड़ा तक पहुंच गए हैं। पुलिस इनके आगे बेबस नजर आ रही है।
यह है मांग
एसटी अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षक भर्ती की जो रीट 2018 की परीक्षा हुई थी उसमें खाली रहे अनारक्षित वर्ग के 1167 पदों को भी एसटी सीट से भरा जाए। इस मांग को लेकर कांकरी डूंगरी में अभ्यर्थी 18 दिनों से आंदोलन कर रहे थे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात भी की प्रशासन ने भी समझाया लेकिन वाजिब नहीं होने के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका।
उग्र क्यों हुए अभ्यर्थी
दरअसल 24 सितंबर को टीएसपी क्षेत्र के इस मुद्दे को लेकर बैठक होनी थी, लेकिन एक दिन पहले 23 सितंबर को संयुक्त शासन सचिव नेहा गिरी ने बैठक स्थगन की सूचना का पत्र जारी कर दिया। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जिसके बाद काकरी डूंगरी पहाड़ी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी आक्रोशित हो गए। अभ्यर्थियों को लगा कि मुद्दे को लगातार टाला जा रहा है। इस पर गुरुवार को अभ्यर्थियों ने हाईवे जाम कर दिया। अभ्यर्थियों के समर्थन में बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में आदिवासी भी एकत्र हो गए जिससे हालात विकट हो गए। पुलिस हाईवे खुलवाने पहुंची तो उन्होंने उस पर हमला कर दिया और आगजनी शुरू कर दी।
क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार कर गया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के 10 किमी तक के इलाके को कब्जे में ले लिया। पिछले 40 घंटे के अंदर करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली। मकानों में भी तोडफ़ोड़-लूटपाट की गई।
पुलिस को इसलिए आई मुश्किल
कांकरी डूंगरी के जिस इलाके में उपद्रवियों ने हाईवे पर कब्जा किया है। वह करीब आठ किलोमीटर का इलाका जंगल और पहाडिय़ों दोनों तरह उपद्रवी छिपे हुए हैं। जैसे ही पुलिस हाईवे पर आगे बढ़ती है उपद्रवी उस पर पथराव शुरू कर देते हैं इस पर पुलिस को पीछे हटना पड़ता है।
एक्शन मोड में पुलिस
एक्शन में आई पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है। 700 लोगों को नामजद भी किया गया है। प्रदर्शन के दौरान 7 कंटेनरों समेत 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा को स्पेशल ड्यूटी पर लगाया गया है।
गुस्सा क्यों भड़का?
कैंडिडेट 7 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बातचीत कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड महामारी के नियम तोडऩे और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसको लेकर कैंडिडेट का गुरुवार से गुस्सा भड़क उठा।