देश में 31 मई तक लॉकडाउन, गृहमंत्रालय ने जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लॉकडाउन 14 और दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। यह देशबंदी का चौथा फेज होगा, जो सोमवार 18 मई से शुरू होगा और 31 मई को खत्म होगा। रविवार को लॉकडाउन का तीसरे फेज खत्म होने से करीब छह घंटे पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए ने केंद्र सरकार और राज्यों को देशबंदी जारी रखने के निर्देश दिए। इसके बाद गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी कर दीं।
लॉकडाउन के चौथे चरण में उल्लेखित किए गए प्रतिबंधों के अलावा सभी गतिविधियों को अनुमति रहेगी। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक सेवाओं व गतिविधियों को ही अनुमति रहेगी। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अधिकार दिया गया है कि वह स्थानीय हालात के अनुसार विभिन्न जोन में अन्य गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। 
चौथे चरण में इन पर रहेगा प्रतिबंध

  1. सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध जारी रहेगा। हालांकि, घरेलू स्वास्थ्य सेवाएं, घरेलू एयर एंबुलेंस और और गृह मंत्रालय से अनुमति प्राप्त सुरक्षा कारणों से हवाई सेवा का इस्तेमाल किया जाएगा। 
  2. मेट्रो रेल सेवाओं पर प्रतिबंध जारी रहेगा
  3. स्कूल, कॉलेज, शिक्षण (प्रशिक्षण) कोचिंग संस्थान आदि बंद रहेंगे। ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा को अनुमति रहेगी और इन्हें बढ़ावा भी दिया जाएगा। 
  4. होटल, रेस्टोरेंट और अन्य आतिथ्य सेवाएं बंद रहेंगी। उनको अनुमति होगी जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य, पुलिस, सरकारी अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों, दूसरे स्थानों पर फंसे लोगों और क्वारंटीन केंद्रों के तौर पर किया जा रहा है। रेस्टोरेंट को भोजन की होम डिलिवरी करने की अनुमति रहेगी। 
  5. सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम्नेजियम, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, सभागार और ऐसे सभी स्थान बंद रहेंगे। स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडिम को खुलने की अनुमति रहेगी हालांकि, दर्शकों को जाने की अनुमति नहीं होगी। 
  6. सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल संबंधी, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य भीड़ जमा करने वाले कार्यक्रमों पर रोक जारी रहेगी। 
  7. सभी धार्मिक स्थान जनता के लिए बंद रहेंगे। धार्मिक बैठकों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
  • चौथे चरण में इन चीजों की रहेगी अनुमति
  • अंतरराज्यीय यात्रा के लिए वाहनों और बसों को अनुमति दी जाएगी। इसके लिए संबंधित राज्यों या केंद्रशासित प्रदेश की अनुमति जरूरी होगी। 
  • राज्य के अंदर परिवहन के लिए वाहनों और बसों के संचालन का निर्णय राज्य व केंद्रशासित प्रदेश खुद करेंगे। 
  • लोगों के आवागमन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) का पालन करना अनिवार्य होगा। 
    ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन को लेकर ये निर्देश
  • ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन का निर्धारण राज्य और केंद्रशासित प्रदेश करेंगे। इसके लिए उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा बताए गए मानकों का पालन करना होगा।
  • रेड और औरेंज जोन में कंटेनमेंट और बफर जोन का निर्धारण जिला प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देशों के मुताबिक किया जाएगा।
  • कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों को इजाजत होगी। इन जोन से अंदर या बाहर लोगों का आवागमन न हो इस पर सख्त नजर रखी जाएगी। मेडिकल इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की सप्लाई की स्थिति में ही लोगों को बाहर निकलने की अनुमति होगी। 
  • कंटेनमेंट जोन में बड़े स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी। घर-घर पर नजर रखी जाएगी और आवश्यकता के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा।  
    जारी रहेगा नाइट कफ्र्यू
  • शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक लोगों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
  • इसे सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारी आवश्यकतानुसार आदेश जारी करें। 
    बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर पर रहने की सलाह
  • 65 साल से अधिक आयु के व्यक्तियों, बीमार लोगों, गर्भवतियों और 10 साल से कम आयु के बच्चों को अति आवश्यक या स्वास्थ्य कारणों के अलावा घर पर ही रहने की सलाह दी गई है।
    कैसे रहे लॉकडाउन के तीन फेज
    देश में अब तक तीन फेज में 25 मार्च से 14 अप्रैल, 15 अप्रैल से 3 मई और 4 मई से 17 मई तक लॉकडाउन घोषित किया गया था।
    पहला फेज- 25 मार्च से 14 अप्रैल तक, यह 21 दिन का रहा। इस दौरान सिर्फ जरूरी सामान की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई।
    दूसरा फेज- 15 अप्रैल से 3 मई, यह 19 दिन का रहा। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई।
    तीसरा फेज- 4 मई से 17 मई, यह 12 दिन का था। हॉटस्पॉट (रेड जोन) को छोड़कर ऑरेंज और ग्रीन जोन में दुकानें खोलने की परमिशन दी गई। इसके अलावा, प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेनें और बस चलाई गईं। नई दिल्ली से स्पेशल ट्रेनों की भी शुरुआत हुई। वंदे भारत और समुद्र सेतु मिशन के जरिए दूसरे देशों में फंसे भारतीयों की वापसी की शुरुआत हुई।