राष्ट्रीय संरक्षक व राजार्य सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देखी गतिविधियां

गंगापुरसिटी। आर्य समाज के राष्ट्रीय संरक्षक आजाद सिंह एवं राष्ट्रीय राज आर्य सभा के अध्यक्ष आचार्य चंद्रदेव शनिवार को गंगापुरसिटी आए। इस मौके पर आर्य समाज और आर्य वीर दल के पदाधिकारियों ने रेलवे स्टेशन परसंरक्षक और अध्यक्ष का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने आर्य वीरों की मिर्जापुर शाखा का निरीक्षण किया। इस मौके पर आर्य वीरों को सम्बोधित करते हुए बताया कि आर्य वीर दल चरित्रवान नौजवानों की फौज है। आर्य वीर दल की शाखाओ में प्रतिदिन आना चाहिए। शाखा में आने से शारीरिक निर्माण ही नही बल्कि आत्मिक और सामाजिक निर्माण भी होता है। राष्ट्रीय पदाधिकारियों के द्वारा भगवती नगर आर्य समाज प्रतिदिन सत्संग के कार्यक्रम में भाग लिया गया और अपने सुझाव और विचार रखे। इसके बाद शनिवार शाम 5 बजे से 6 बजे तक विजय दशमी पर की तैयारियों का निरीक्षण किया। आर्य वीरो को महापुरुषों राम, कृष्ण, भरत, भगतसिंह, लाला लाजपत राय आदि के बारे में स्वाध्याय करने के लिए प्रेरित किया। शनिवार रात्रि 8 बजे से 9 बजे तक शहर के सभी आर्य समाजों व आर्य वीर दल का मुख्य आर्य समाज मे एकत्रिकरण रखा गया।

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इस दौरान आचार्य चंद्रदेव ने आर्य वीर दल के केन्द्रीय स्तर पर चल रही गतिविधियों को व लक्ष्यों को कार्यकर्ताओ के समक्ष रखा। आचार्य ने केंद्रीय स्तर पर महृषि दयानंद द्वारा स्थापित राजनीतिक दल अखिल भारतीय राजार्य सभा के बारे में विचार रखे और बताया कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में राजार्य सभा ने बढ़चढ़ कर भाग लिया था। 1947 के उपरांत जो भी सरकारे बनी उनकी नीतियों और राज व्यवस्थाओं के कारण देश के अनेक क्षेत्रों में असमानता और बदहाली ने जन्म ले लिया है। अखिल भारतीय राजार्य सभा देश के नागरिकों के अनुरूप परिवर्तन का संकल्प करते हुए पूर्ण स्वदेशी राज्य व्यवस्था का विकल्प देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि भारत राष्ट्र को एक सशक्त भविष्य के प्रति जागरूक, प्रगतिशील, जुझारू, सुरक्षा के प्रति सावधान और संवेदनशील नेतृत्व दिया जा सके। संगठन के संरक्षक आजाद सिंह ने बताया कि आर्यवीर दल का कार्य देश मे इन दिनों तेजगति से चल रहा है और आगे कुछ समय मे संगठन विस्तार को और तेज गति प्रदान की जाएगी। रविवार को साप्ताहिक सत्संग में गुरुकुल मलारना चौड़ से आए आचार्य सोमदेव शास्त्री ने बताया की चारों आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे श्रेष्ठ है। गृहस्थ आश्रम में सुख के 10 मार्ग आचार्य द्वारा बताए गए। साथ ही सभी को नित्य प्रति स्वाध्याय करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान इन कार्यक्रमों में प्रांतीय सहमंत्री अंकुश आर्य, नगर संचालक आशुतोष आर्य, नरेंद्र आर्य, मदनमोहन गुप्ता, मदनमोहन आर्य, यश शर्मा, प्रदीप आर्य, राजेश आर्य, रमेश गर्ग, रमेश किशोरपुरा आदि मौजूद थे।