केंद्र सरकार की नीतियों से नाराज रेल कर्मचारियों ने की भूख हड़ताल

गंगापुर सिटी। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों से आहत संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों कर्मचारियों ने आज पूरे देश में केंद्रीय श्रमिक संगठनों के संयुक्तमंच के आह्वान पर जगह-जगह धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल का आयोजन किया।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के आह्वान पर पश्चिम मध्य रेलवे के सभी स्टेशनों पर यूनियन की शाखाओं के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे ।
यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि गंगापुर सिटी में भी यूनियन के पदाधिकारी कामरेड तरुण यादव, शशि शर्मा, उदय सिंह गुर्जर एवं बृजेश जागा भूख हड़ताल पर बैठे। मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन एवं मंडल सचिव श्रीप्रकाश शर्मा ने इन्हें माला पहनाकर स्वागत करते हुए धरने पर बिठाया।
यह अवसर पर यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने कहा की कोरोना वायरस महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने आपाधापी के वातावरण में मजदूरों की चिंता किए बिना लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पूरे देश में लाखों की संख्या में मजदूर जहां थे वहीं फँसे रह गए। उद्योग बंद होने के कारण व्यापारियों एवं उद्योगपतियों ने नौकरियों से और धंधों से निकाल दिया। भुखमरी की स्थिति में सरकार को जो मदद करनी चाहिए थी। आशा अनुरूप मदद नहीं होने के कारण मजदूर भिखारियों की जैसे हालात में पैदल ही अपने गांव के लिए रवाना हो गए। इस दौरान भूखे-प्यासे हजारों किलोमीटर तक उन्होंने यात्राएं की, लेकिन सरकार ने इनके बारे में कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई। राजनीतिक लोग भी इस दौरान इन पर दया भाव दिखाकर खाना खिलाने के नाम पर सहायता करने के नाम पर फोटो खिंचवाते नजर आए। स्वतंत्रता के बाद मजदूरों की ऐसी दयनीय स्थिति कभी नहीं हुई। दूसरी ओर सरकार ने जो इस महामारी से जूझ रहे सरकारी कर्मचारी जो रात-दिन 24 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर आम आदमी की सेवा में एवं सरकारी व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे थे उनको पारितोषिक देने की वजह उनका महंगाई भत्ता बंद करने का अमानवीय कार्य किया और तो और सेवानिवृत्त हो चुके हैं बुजुर्गवार कर्मचारियों की पेंशन को फ्रीज करने के आदेश जारी करने का काम किया।
केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आज पूरे देश में भूख हड़ताल पर केंद्रीय कर्मचारी रेल कर्मचारी बैठे हुए कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
इस अवसर पर यूनियन के मंडल सह सचिव श्रीप्रकाश शर्मा ने बताया कि कोरोना की आड़ में अब सरकार श्रम कानूनों में संशोधन के नाम पर उद्योगपतियों का भला करने के एजेंडे पर लगी हुई है। शर्मा ने कहा कि इस महामारी के दौरान सरकारी कर्मचारी ही फ्रंटलाइन मे रहकर व्यवस्थाओं को बनाने में लगे हैं और यह प्राइवेट कंपनियों का कोई अता पता नहीं है। लेकिन फिर भी सरकार का मोह उनसे भंग नहीं हुआ है। अभी सरकार एयरपोट्र्स को भी बेचने पर विचार कर रही है। हम इसकी निंदा करते हैं। आज का आंदोलन हमारा संकेतिक आंदोलन है। आने वाले समय में यदि सरकार ने अपनी नीतियों को नहीं बदला तो भारत का मजदूर बड़ा आंदोलन करने को विवश होगा।
इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारी राजेश चाहर, आदिल खान, शरीफ मोहम्मद, विकास चतुर्वेदी, इमरान खान, राकेश वर्मा, देवेंद्र गुर्जर, बलदेव मीणा, राकेश मीणा सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।