अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर फिर आरोप लगाया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लेब में बनाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को निशाने पर ले रहे हैं। वहीं, गुरुवार को एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि जानलेवा कोरोना वायरस चीन से आया है और अमेरिका इसे हल्के में नहीं लेने वाला है। मिशिगन में अफ्रीकी-अमेरिकी नेताओं के साथ एक सुनवाई सत्र में भाग लेने के दौरान ट्रंप ने कहा कि यह (कोविड-19) चीन से आया। हम इसको लेकर खुश नहीं हैं। हमने अभी-अभी एक व्यापार समझौता किया, जिसे पूरा हुए कुछ ही दिन हुए थे कि अचानक यह (कोविड-19) सामने आ गया। हम इसे हल्के में नहीं लेने वाले हैं।
पिछले कुछ सप्ताह से ट्रंप लगातार कोरोना वायरस को लेकर चीन की अयोग्यता और इसके दुनियाभर में फैलने को लेकर आलोचना कर रहे हैं। गुरुवार तक 94,000 अमेरिकियों ने इस जानलेवा वायरस से अपनी जान गंवा दी। वहीं, 16 लाख के करीब अमेरिकी नागरिक इस वायरस से संक्रमित हैं। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बात को लेकर कोई संकेत नहीं दिया वह चीन के खिलाफ वायरस को लेकर कौन-सा कदम उठाने का विचार कर रहे हैं। जबकि, रिपब्लिकन सांसदों की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर ट्रंप प्रशासन पर दवाब बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को सीनेटर टेड क्रूज और रिक स्कॉट ने माइक ब्रौन, मार्शा ब्लैकबर्न, जोनी अर्न्स्ट, मार्था मैकस्ली और टॉम कॉटन के साथ मिलकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी कोविड-19 वैक्सीन शोध को चुराने और गड़बड़ से बचाने के लिए कोविड-19 वैक्सीन संरक्षण अधिनियम पेश किया।बिल में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग, राज्य विभाग और संघीय अनुसंधान ब्यूरो द्वारा कोविड-19 वैक्सीन अनुसंधान से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने वाले सभी चीनी छात्र वीजा धारकों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गहन जांच के बाद अनुमति देने की मांग की गई है। क्रूज ने कहा कि जिस कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस प्रकोप को छुपाए रखा, वही निरंतर रूप से राष्ट्र प्रायोजित बौद्धिक संपदा की चोरी में भी संलग्न है। उन्होंने कहा कि हम चीन को अमेरिकी अनुसंधान और वैक्सीन के विकास के साथ चोरी या हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दे सकते है।