सरकार के व्यवहार से निराश है रेल कर्मचारी, आंदोलन के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं

गंगापुर सिटी। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के तत्वावधान में 1 जून से 6 जून तक चलाए जा रहे रेलकर्मी जागरण सप्ताह के दौरान आज 8000 से अधिक रेल कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के विरोध में आर-पार की संघर्ष की घोषणा करते हुए संकल्प पत्रों पर हस्ताक्षर किए।
यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि आज पश्चिम मध्य रेलवे में कोटा मंडल में 3084, भोपाल मंडल में 2790, जबलपुर मंडल में 2606, कुल 8480 रेल कर्मचारियों ने यूनियन के आर-पार के संघर्ष के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति प्रदान की।
इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारियों ने जगह-जगह कार्यालयों में जाकर रेल कर्मचारियों से केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के बारे में चर्चा की।
गंगापुर सिटी में भी आज 315 कर्मचारियों ने संकल्प-पत्र पर हस्ताक्षर कर यूनियन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने पर अपनी सहमति दी। आज गंगापुर सिटी में स्टेशन स्थित लॉबी, मुख्य टिकट निरीक्षक कार्यालय, नारायणपुर टटवाड़ा रेलवे स्टेशन पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।
इस अवसर पर यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन मंडल सह सचिव श्रीप्रकाश शर्मा, लोको शाखा के सचिव राजेश चाहर, यातायात शाखा के सचिव हरिप्रसाद मीना, कोषाध्यक्ष हरिमोहन मीणा, ऋषि पाल सिंह, तरुण यादव, सीताराम बैरवा, मनोज कुमार, हरिमोहन गुर्जर, महेश मीणा, रामदयाल मीणा, इमरान खान, बृजेश मुख्य कर्षण क्रू नियंत्रक राम अवतार शर्मा आदि ने रेल कर्मचारियों से सरकार की नीतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सरकार का कर्मचारियों के प्रति व्यवहार नकारात्मक रहा है। कोरोना महामारी के भयाभय वातावरण में रेल कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर रेल के रख-रखाव एवं संचालन में भरपूर सहयोग किया तथा दर-दर भटक रहे लाखों श्रमिकों को अपने-अपने घरों तक पहुंचाने में बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया। उसकी एवज में सरकार ने रेल कर्मचारियों की भत्तो पर रोक लगाने के बारे में कार्रवाई करने की रणनीति बनाई है और तो और डेढ़ वर्ष के लिए महंगाई भत्ता रोक दिया। इससे रेल कर्मचारियों में निराशा का वातावरण है। अब कर्मचारियों के पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
जैन ने बताया कि 8 जून को पूरे देश में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर विरोध दिवस मनाया जाएगा।