KOTA & BARAN में जमीन की उपलब्धता होने पर आवासीय योजना लाई जाएगी

जयपुर। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि KOTA AND BARAN

जिलों में जमीन की उपलब्धता होने पर आवासीय योजना लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि दोनों जिलों में राजस्थान आवासन मण्डल के कार्यालय बंद नहीं किये गये हैं, बल्कि कार्य व्यवस्था के तहत स्टाफ को अन्य स्थानों पर लगाया गया है। जिलों में मण्डल के उप खण्ड कार्यालय अब भी काम करते रहेंगे। 
धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि विगत 2 वर्षों में कोटा में 617 निर्धनों, 2 विकलांगों तथा 19 विधवाओं को आवास आवंटित किये गये, बूंदी जिले में 332 निर्धनों, 03 विकलांगों तथा 116 विधवाओं को आवास आवंटित किये गये। इसी प्रकार झालावाड जिले में 407 निर्धनों, 06 विकलांगों तथा 32 विधवाओं को आवासों का आवंटन किया गया है।
इससे पहले विधायक पानाचन्द मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में धारीवाल ने बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल में वर्ष 2018-19 में राजस्व प्राप्तियां 12874.48 लाख तथा राजस्व खर्च 11658.30 लाख रुपये है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 मेें राजस्व प्राप्तियां   13255.96 लाख तथा राजस्व खर्च 11934.46 लाख रुपये है।

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उन्होंने बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल के कोटा और बारां के कार्यालयों को बंद नहीं किया गया है। मण्डल द्वारा स्टाफ की कमी और कार्य के स्तर को देखते हुए जोधपुर वृत्त-द्वितीय एवं कोटा वृत्त कार्यालय तथा 14 अन्य खण्ड कार्यालायों के पुनर्गठन का निर्णय संचालक मण्डल की बैठक 21 सितम्बर 2020 में लिया गया था तथा इनमें कोटा का वृत्त कार्यालय एवं बारां का खण्ड कार्यालय भी शामिल था परन्तु फिलहाल इस निर्णय को वर्तमान वित्तीय वर्ष की समाप्ति (31.03.2021) तक स्थगित किया हुआ है। पुनर्गठन आदेश की पालना होने पर भी इन स्थानों पर आवासन मण्डल के उपखण्ड कार्यालय कार्य करते रहेंगे।
श्री धारीवाल ने बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा कोटा संभाग में विगत 2 वर्षों में कोई भी नई आवासीय योजना शुरू नहीं की गई है भूमि की उपलब्धता के लिए प्रयास किये जा रहे है। भूमि उपलब्ध होते ही नई योजना प्रस्तावित की जायेगी।
उन्होंने बताया कि कोटा संभाग में विगत 2 वर्षों में 102 विकलांग, 167 विधवा और 6129 निर्धन श्रेणी के लोगों को आवासों का आवंटन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग, अल्प आर्य वर्ग एवं मध्यमवर्गीय लोगों को आवास उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से राज्य में मुख्यमंत्री जन आवास योजना-2015 एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) लागू की गई है। 

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