राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए पंच-सरपंच के पदों पर नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों के संबंध में दिशा-निर्देश

पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव-2020
जयपुर। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंच और सरपंच के निर्वाचन के लिए नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि प्रदेश की 3848 ग्राम पंचायतों के लिए 16 सितंबर से लोक सूचना जारी हो जाएगी और चरणों के अनुसार अलग-अलग दिन नाम निर्देशन पत्र लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पंच और सरपंच पदों के लिए नाम निर्देशन पत्र में सभी प्रविष्टियां पूर्ण करनी अनिवार्य है। आवेदक को कोई भी कॉलम रिक्त छोड़ना नहीं है। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र में बिन्दु संख्या 1 में विचाराधीन आपराधिक मामलों के संबंध, बिन्दु संख्या 2 में आपराधिक प्रकरणों में दोष सिद्धी से संबंधित सूचना, बिन्दु संख्या 3 में संतान के संबंध में सूचना और बिन्दु संख्या 4 में सम्पत्ति के संबंध में सूचना प्रस्तुत करनी है। उन्होंने बताया कि बिन्दु संख्या 1 से 3 का विवरण अभ्यर्थी की योग्यता या अयोग्यता के निर्धारण के लिए है। किन्तु बिन्दु संख्या 4 में सूचना केवल मतदाताओं की जानकारी के लिए है इसके आधार पर अभ्यर्थी की योग्यता या अयोग्यता निर्धारित नहीं होगी।
मेहरा ने बताया कि सरपंच पद के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के क्रम में न्यायालय में लंबित मामलों  परिसम्पतियों एवं देयता (डयूज) की सूचना प्राप्त किए जाने के लिए शपथ पत्र भरा जाना है। इस प्रारूप को 50 रुपए के गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर (नॉन ज्यूडिशियल स्टांप पेपर) पर नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। यह शपथ पत्र न्यायाधीश या किसी न्यायिक या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या माननीय उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय द्वारा नियुक्त शपथ कमिश्नर या किसी नोटरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित (अटेस्टेड) होना चाहिए।
आयुक्त ने बताया कि अभ्यर्थियों को घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय तथा खुले में शौच नहीं जाने संबंधी घोषणा पत्र या अंडरटेकिंग नाम निर्देशन पत्र के साथ भरकर जमा कराना आवश्यक है। इसे प्रमाणित करवाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि सभी उम्मीदवारों को नो-ड्यूज प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि यदि अभ्यर्थी पर संबंधित पंचायती राज संस्था की कर या फीस की राशि बकाया हो और उसको राशि जमा कराने का नोटिस दिये जाने की तिथि से 2 माह तक जमा नहीं कराई गई हो तो उसे उक्त राशि नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने से पूर्व जमा कराने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
मेहरा ने बताया कि यदि कोई अभ्यर्थी पूर्व में किसी पंचायतीराज संस्था का सभापति या उप सभापति रहते हुए पंचायती राज संस्थाओं के बकायों को जमा कराने के संबंध में नोटिस तामील होने के पश्चात् भी दो माह में उक्त राशि जमा नहीं कराता है और निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने से कम से कम दो माह पूर्व राज्य सरकार द्वारा जारी व्यतिक्रमियों (डिफाल्टर) की सूची में नाम सम्मिलित हो गया हो तो वह अयोग्य होगा। नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने से पूर्व उक्त राशि जमा कराने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की दशा में अभ्यर्थी अयोग्य नहीं माना जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी पद के लिए नाम निर्देशन पत्र के समय चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
चुनाव आयुक्त ने बताया कि आरक्षित वार्ड से निर्वाचन लड़े जाने की दशा में राजस्थान राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है। महिला उम्मीदवार की स्थिति में महिला के पिता के निवास स्थान के क्षेत्राधिकार रखने वाले राजस्थान राज्य के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र मान्य होगा, किन्तु जाति प्रमाण पत्र एवं मतदाता सूची में महिला का नाम समान होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरपंच पद का चुनाव लड़े जाने के लिए जमानत राशि सामान्य वर्ग के लिए 500 व महिला एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 250 रुपए है। उम्मीदवारों को यह राशि जमा करवाकर रसीद भी लगानी आवश्यक है। यदि आरक्षित जाति का व्यक्ति सामान्य वार्ड से निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो उक्त जमानत राशि में रियायत के लिए उसे अपना जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
मेहरा ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र के साथ सांख्यिकी सूचना के फार्म को भी चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों से भरवाया जावेगा। इसको प्रस्तुत नहीं करने पर नाम निर्देशन पत्र खारिज नहीं किया जायेगा, किन्तु यथासंभव इसको भरवाया जाना चाहिए ताकि चुनाव में खड़े होने वाले अभ्यर्थी के संबंध में सामान्य सूचनाएं उपलब्ध हो सके।