शुगर के मरीज को कोरोना संक्रमण के वक्त दिए थे स्टेरॉयड (Steroids): इंफेक्शन के कारण निकालनी पड़ी आंख

केस-1 स्टेरॉयड (Steroids)

बीकानेर में भाजपा नेता भुवनेश्वर रंगा (भोमजी) को अक्टूबर में कोरोना हुआ। उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां इलाज के दौरान कुछ दिन इंजेक्शन दिए गए। ठीक होने पर छुट्‌टी दे दी गई। घर पहुंचे तो कुछ दिन बाद ऑक्सीजन लेवल कम हुआ तो फिर से दिखाया। एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। सप्ताह भर इलाज लेने के बाद घर आ गए। इस दौरान कई बार उन्हें स्टेरॉयड (Steroids) दिए गए। बाद में उनके दांत में दर्द शुरू हुआ जो बढ़ता गया। आंख में सूजन आ गई। इलाज के बाद भी सुधार नहीं हुआ तो न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाया गया। जहां से म्यूकोर माइकोसिस की आशंका जताई गई। बीकानेर के बाद जयपुर, बेंगलुरु होते हुए रंगा को पीजीआई चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां पिछले दिनों उनकी एक आंख को निकाल दिया गया, जिसके आसपास इंफेक्शन बढ़ गया था।

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केस-2 स्टेरॉयड (Steroids)

बीकानेर के ही एक व्यापारी (नाम नहीं बताना चाहते) की मां को भी कोरोना हुआ। उन्हें भी शुगर थी और कोरोना इलाज के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) दिए गए। कोरोना ठीक होने के बाद इंफेक्शन से कान, नाक व गले में दिक्कत होने लगी। देरी होने के कारण इंफेक्शन बढ़ता गया। जांच में पता चला कि उन्हें भी म्यूकोर माइकोसिस है। उन्होंने भी पीजीआई चंडीगढ़ में गुरुवार रात अपना ऑपरेशन करवाया, जिसमें एक आंख व जबड़ा तक निकालना पड़ा। करीब 70 वर्षीय यह महिला इन दिनों चंडीगढ़ में ही हैं।

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इन दो केस को पढ़ने के बाद आप यह तो समझ गए होंगे कि अगर आपको शुगर यानी डायबिटीज है और कोरोना की चपेट में आते हैं तो फिर आपको सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है। देशभर में इन दिनों पोस्ट कोविड के ऐसे रोगी सामने आ रहे हैं जिनके शरीर में इंफेक्शन होने के कारण आंख तक बाहर निकालनी पड़ी है। म्यूकोर माइकोसिस नाम की यह बीमारी कोरोना से ठीक हुए शुगर रोगियों में ज्यादा देखने को मिल रही है। जिन्हें इलाज के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) दिया गया। बीकानेर में करीब एक दर्जन लोगों पर इस बीमारी का हमला हो चुका है। इनमें से इंफेक्शन के कारण कुछ की आंख तक निकालनी पड़ी है। डॉक्टरों का कहना है कि आंख इंफेक्शन को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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बीकानेर पीबीएम अस्पताल के मेडिकल डिपार्टमेंट के हेड डॉ. बालकिशन गुप्ता बताते हैं कि शहर में ही पिछले कुछ समय में ही एक दर्जन से अधिक लोग म्यूकोर माइकोसिस से पीड़ित हुए हैं। आमतौर पर सालभर में इक्का दुक्का रोगी आते हैं। लेकिन अब अचानक से यह रोगी बढ़े हैं। जिन शुगर पीड़ित लोगों को अक्टूबर माह में कोरोना हुआ था और इलाज के दौरान स्टेरॉयड (Steroids) लगाए गए थे। उनकी इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण इंफेक्शन बढ़ गया। यह फंगस इंफेक्शन है, जो आंख, नाक व गले को अपनी चपेट में लेता है। बीकानेर में करीब एक दर्जन लोगों को आंख, नाक व कान में ही समस्या हुई है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि अगर शुरू में ही एंटी फंगल दवाएं दी जाए तो इससे बचा जा सकता है। वहीं, सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जगदीश कूकणा ने बताया कि सालभर में तीन से चार केस म्यूकोर माइकोसिस के आते हैं। लेकिन इस बार कोविड के कारण म्यूकोर माइकोसिस के एक महीने में ही पांच से सात केस मेरे पास आ चुके हैं। ये सभी वो लोग हैं जिनको कोरोना हुआ था और पहले से शुगर के रोगी हैं। इलाज के दौरान इन्हें भी स्टेरॉयड दिया गया था। ऐसे में शुगर के रोगियों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

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