कोरोना में पुलिसकर्मियों की भूमिका के बारे में सर्वेक्षण कोरोनाकाल मे पुलिस ने निभायी अभिभावक की भूमिका

जयपुर। ”कोरोना के दौरान प्रदेश मेें पुलिस ने  अभिभावक की भूमिका निभाई”। ”आमजन में पुलिस का भय कम होकर पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है”। ”पुलिस ने सच्चे प्रहरी के रूप में अपने व अपने परिवार की परवाह किए बिना दिन रात कार्य किया”। ”महिला पुलिस कर्मियों ने भी अपना जीवन दाव पर लगाकर लोगो का जीवन बचाने के लिए लोकहित में अनेक संवेदनशील उदाहरण प्रस्तुत किये है”। 
इस तरह की अनेक सकारात्मक टिप्पणियां कोरोना काल के दौरान पुलिस की भूमिका के बारे में आयोजित एक सर्वेक्षण में प्रकट की गई। यह ऑनलाइन सर्वेक्षण एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जेकेलोन अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर शिशु रोग डॉ. योगेश यादव एवं संयुक्त निदेशक प्रचार पुलिस मुख्यालय गोविन्द पारीक ने संयुक्त रूप से किया। 
डॉ. यादव ने बताया कि 2 सप्ताह चले इस सवेर्ं में कुल 25 जिलों के 153 लोगों ने भाग लिया। सर्वे में भाग लेने वाले सदस्यों की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच थी। सर्वे में भाग लेने वाले उत्तरदाताओं ने निर्धारित प्रश्नावली के अनुसार गूगल फार्म भरकर सवालो के जवाब दिए। उत्तरदाताओं की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा गया है। 
सर्वे में होने शामिल होने वाले लोगों में 55 प्रतिशत लोग स्नातकोत्तर, 35 प्रतिशत स्नातक एवं 8 प्रतिशत स्कूली शिक्षा ही ले पाए थे। इसके अलावा 2 प्रतिशत लोग अशिक्षित थे। सर्वे में 13 प्रतिशत महानगरी पृष्ठभूमि से थे एवं 24 प्रतिशत शहरी, 10 प्रतिशत कस्बाई व 53 प्रतिशत लोग ग्रामीण पृष्टभूमि के थे। 
आमजन का पुलिसकर्मियों पर विश्वास बढ़ा 
सर्वे के दौरान उत्तरदाताओं ने पुलिस कर्मियों को असली कोरोना वारियर और असली हीरो बताया है और संकट के समय उनकी कार्यप्रणाली को सराहा है। एक उत्तरदाता ने कोरोना काल के दौरान पुलिस में आमजन के बढे विश्वास को बनाये रखने को पुलिस के समक्ष एक बडी चुनौति बताया है। 
पुलिसकर्मियों से डर घटा है
सर्वे में पूछे गये सवाल में 65 प्रतिशत लोगों को लॉकडाउन एवं अनलॉक के दौरान पुलिसकर्मियों से डर नहीं लगा जबकि 35 लोगों को लोगों के दौरान पुलिसकर्मियों से डर महसूस हुआ।एक अन्य सवाल के जवाब में लगभग 92 प्रतिशत लोगों ने माना कि लॉकडाउन के दौरान अपराध कम हुए। 
दिशा निर्देशों की पालना की
सर्वे में पूछा गया कि उन्होंने किन-किन दिशा निर्देशों की पालना की। इसके जवाब में- 82 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने मास्क एवं सेंनेटाइजर का उपयोग किया। 79 प्रतिशत लोगों ने बताया कि वे अनावश्यक नहीं घूमें। 74 प्रतिशत ने सार्वजनिक समारोह से दूरी बनाए रखी। 76 प्रतिशत लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। 
पुलिस ने संकट के समय लोगों की सहायता की 
सर्वे में पूछा गया कि पुलिस ने किस प्रकार आमजन की सहायता की। इसके जवाब में- 75 प्रतिशत लोगों ने  बताया कि पुलिस कर्मियों ने प्रवासियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाया। 60 प्रतिशत लोगों ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने जरूरतमंद को भोजन उपलब्ध कराया।65 प्रतिशत लोगों ने बताया कि पुलिस कर्मियों ने जरूरतमंद को दवाई पहुंचाई। पुलिस की साख बढी
सर्वे में पूछे गये सवाल के जवाब के अनुसार 77 प्रतिशत लोगों ने माना कि कोरोना के दौरान पुलिस की साख बढी है। जबकि 15 प्रतिशत लोगों ने बताया कि पुलिस के साख उनके मन में पहले जैसी है। शेष 8 प्रतिशत लोगों ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। डॉ योगेश यादव ने बताया कि संयुक्त निदेशक श्री गोविन्द पारीक के मार्ग दर्शन में हुए इस सर्वेक्षण की टीम में सीनियर डेमोन्सट्रेटर फिजीयोलॉजी डॉ. कविता, डॉ. विकास सैनी एवं डॉ. दिलीप कागा शामिल थे।