नई सिम क्रय-विक्रय के बदले नियम


सरकार ने नए सिम कार्ड संबंधी नियमों में बदलाव किया है। यह सब साइबर अपराध बढ़ने के कारण इस प्रकार के अपराधों में कमी लाने के लिए सरकारी प्रयास है।
एक दिसंबर से लागू हुए नियमों के मुताबिक उपभोक्ता के साथ-साथ सिम विक्रेता का भी सत्यापन होगा। इसके अलावा सिम डीलरों का पुलिस सत्यापन भी अब अनिवार्य किया गया है। नियमों का पालन नहीं करने पर 10 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है। इसमें सिम खरीदने की संख्या भी सीमित कर दी गई है। एक पहचान के आधार पर अभी भी 9 सिम कार्ड तक ले सकते हैं। नए नियमों के मुताबिक नए सिम कार्ड खरीदने या किसी मौजूद नंबर पर नए सिम के लिए आवेदन करने के लिए आधार के साथ ही डेमोग्राफिक डेटा अनिवार्य हो।

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गौरतलब है कि केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नए नियमों की घोषणा करते हुए कहा कि 52 से अधिक फर्जी तरीके से हासिल किए गए लाखों कनेक्शन पहले ही ब्लॉक किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 67 हजार डीलर्स को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है।
नए नियमों में बल्क सिम कार्ड खरीदने या बेचने के लिए संबंधित के पास बिजनेस कनेक्शन होना आवश्यक है। सिम कार्ड डिएक्टिवेट करवाने के 90 दिन पूरे होने के बाद ही अन्य उपभोक्ता को वह सिम जारी की जा सकती है।
सिम डीलर यदि किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल पाए जाते हैं तो दूरसंचार ऑपरेटर के साथ उनका संबंध तीन साल की अवधि के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। अगर कोई सिम वेंडर 30 नवंबर तक रजिस्टर नहीं हुआ है, तो जुर्माना लगाने के साथ उसे जेल भी भेजा जा सकता है।