जीएसटी में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ होंगे सख्त नियम

जीएसटी के फर्जी चालानों की मदद से इनपुट टैक्स क्रेडिट पास कराने के फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए जीएसटी परिषद की विधि समिति ने दो दिन लंबे चले मंथन के बाद कुछ सख्त नियम सुझाए हैं। इनके तहत नए जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में आधार और आधार जैसे दस्तावेजों की अनिवार्यता का नियम जोड़े जाने और दूसरा पुराने जीएसटी धारकों में से जोखिम वाले कर दाताओं की पहचान कर उन पर सख्ती करने के सुझाव हैं। इसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ वारंट जारी करने के लिए कानून बनाने का भी सुझाव दिया।   
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय बीते 10 दिनों में देशभर में जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ अभियान चला रहा है। इसके तहत अब तक 48 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। जिसमें एक महिला और तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट शामिल हैं। इन फर्जीवाड़ों के अब तक 2385 फर्मों के खिलाफ 648 मामले दर्ज किए गए हैं। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक विधि समिति ने प्रणालीगत सख्ती बढ़ाने का सुझाव देते हुए पंजीकरण प्रक्रिया में कुछ संशोधन करने का सुझाव दिया है। साथ ही राज्यों व अन्य हिस्सेदारों से इन सुझावों पर चर्चा करने का भी सिफारिश की है। हालांकि अंतिम फैसला जीएसटी परिषद लेगा। विधि समिति ने कहा, उसके सुझावों से जहां एक ओर जीएसटी फर्जीवाड़े पर लगाम कसने में मदद होगी, वहीं दूसरी ओर व्यापार करने की सुगमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जीएसटी के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा और रिफंड भी आसानी से मिल सकेगा। समिति ने जीएसटी प्रक्रिया में निगरानी बढ़ाने के सुझाव दिया है। 

इन जगहों पर हो सकेगा पंजीकरण 
समिति ने जीएसटी पंजीकरण के लिए और जगहों को जोड़ने का सुझाव दिया। इसके तहत अब बैंक, डाक घरों और जीएसअी सेवा केंद्रों पर आधार के जरिये पंजीकरण सुविधा देने की बात शामिल है। इन जगहों पर आधार की तरह बायोमीट्रिक सूचनाओं के आधार पर लाइव फोटो के जरिये जीएसटी पंजीकरण की व्यवस्था होगी। 

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