क्षेत्र में बचाव सर्तकता से कराया जाये अवगत- सीएमएचओ
करौली। नोवल कोरोना वायरस की पहचान एवं बचाव पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण वीडियों कॉन्फ्रेस के माध्यम से एएनएम-आशाओ को प्रदान किया गया, जिसमें एएनएम-आशाओं को क्षेत्र में खांसी, जुकाम, फ्लू सर्वे सहित नोवल कोरोना वायरस की पहचान एवं बचाव गतिविधियां बताने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोवल कोरोना वायरस से क्षेत्र में बचाव संबंधी जागरूकता का प्रशिक्षण वीसी के माध्यम से एएनएम-आशाओं को प्रदान किया गया है। क्षेत्र में कोरोना से बचाव संबंधी गतिविधियों को आमजन तक सर्वे दौरान पहुंचाने के लिए निर्देश प्रदान किये गये हैं। सभी ब्लॉक स्थित एएनएम-आशाओं को बचाव एवं जागरूकता प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसी क्रम में जिला मुख्यालय पर एएनएम प्रशिक्षणार्थियों एवं शहरी क्षेत्र हिण्डौन में जीएमएम प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सर्वे एवं जागरूकता गतिविधियां संचालित की जा रही है।
प्रशिक्षण में डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) डॉ. ओपी बैरवा सहित डीपीएम आशुतोष पांडेय, एफसीएलओ कपिल बंसल, डीएसी विश्वेन्द्र शर्मा कोरोना वायरस की उत्पत्ति, पहचान, लक्षण व बचाव स्थितियों का विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान किया। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि कोरोना के वायरस का संक्रमण स्वच्छता रखकर रोका जा सकता है, जिसमें हाथों की सफाई एवं हाथों को चेहरे न छूएं जाना शामिल है। संक्रमण का खतरा विदेश से आने वाले एवं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बढ़ जाता है लेकिन प्रत्येक खांसी, जुकाम, बुखार के सामान्य मरीज को कोरोना वायरस नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि शोध के अनुसार 60 वर्ष से अधिक, उच्च रक्तचाप एवं कैंसर रोगी सहित कम प्रतिरोधक क्षमता वालों को इसके संक्रमण का खतरा बढ जाता है तथा इसका घातक होने का कारण इसकी संक्रमण दर की अधिकता है। उन्होंने बताया कि इसके लक्षण स्वाईन फ्लू जैसे ही दिखते लेकिन इसमें नाक का बहना कम होता है और यह सिर्फ कोरोना वायरस ग्रसित के संपर्क में आने से ही होता है। इस दौरान गैर संक्रामक बीमारी सर्वे एवं वीएचएसएनसी को कार्यशाील बनाने संबंधी प्रशिक्षण भी विस्तार से प्रदान किया गया।