ट्रिपल मर्डर: पत्नी, बेटे और बेटी की गला काटकर हत्या, मरने के बाद भी कई वार किए

बांसवाड़ा। शहर की रातीतलाई शिव मार्ग क्षेत्र में बुधवार रात किराएदार ने पत्नी, बेटे और बेटी की धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी। तीनाें काे इतनी बेरहमी से मारा गया कि खून पूरे कमरे में फैल गया। तीनाें के गले रेतने के बाद भी कई वार किए। वारदात रात 2 बजे के आसपास की बताई जा रही है। जिस कमरे में तीन-तीन हत्याएं की गई। उसमें बगल के कमरे की तरफ जाते हुए खून से बने पैराें के निशान है। ऐसे में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि पहले पत्नी और बेटे की हत्या के बाद बेटी काे बगल के कमरे में बुलाने गया। पैराें के खून के निशान कमरे के दरवाजे तक ही हैं। ऐसे में यह संभावना है कि बाहर से ही आवाज लगाकर बेटी काे बुला लिया। बाद में उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद से ही आरोपी 42 वर्षीय देवेंद्र पुत्र रामदत्त शर्मा फरार है। सीसीटीवी फुटेज में रात काे 2:37 मिनट पर देवेंद्र घर से निकलता दिखाई दे रहा है। वहीं 2.47 बजे के बाद से उसने अपना माेबाइल स्विच कर लिया। पुलिस ने देवेंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। रामदत्त की शाम तक हाउसिंग बाेर्ड के आसपास के जंगल के क्षेत्र में तलाश की गई। शर्मा मूल रूप से धाैलपुर के मेंहदपुरा का रहने वाला है और पेशे से चालक है। बीते चार साल से यहां किराए के मकान में रह रहा था। मकान से सुबह 37 वर्षीय पत्नी नीतू शर्मा, 15 साल की बेटी श्वेता और 13 साल के बेटे आर्यन के खून से सने शव मिले। पुलिस काे घर से चाकू भी बरामद हुआ है। हत्या की वजह अभी साफ नहीं हाे पाई है लेकिन देवेंद्र के बहनाेई नरेंद्र काैशल का कहना है कि देवेंद्र अक्सर तनाव में रहता था। सूचना पर एसपी कावेंद्रसिंह, एएसपी रामकृष्ण मीणा, डिप्टी राजऋषि वर्मा, काेतवाल माेतीराम सारण सहित तमाम अधिकारी माैके पर पहुंचे। डाॅग स्क्वायड और एफएसएल टीम को भी मौके पर बुलाया गया। मकान के जिस हिस्से में हत्याएं की गई, उसे भी सीज कर दिया है। वारदात का पता सुबह 10:30 बजे लगा जब देवेंद्र के बगल के कमरे में रह रही बालिका मनीषा ने इसी गली में रह रहे देवेंद्र के दामाद नरेंद्र काैशल काे घटना के बारे में बताया। नरेंद्र वहां पहुंचा ताे बैडरूम में साले की पत्नी और उसके दाेनाें बच्चाें के खून से सने शव पड़े थे। दरवाजे के हैंडिल और दीवाराें पर भी खून के छीटे लगे हुए थे। इस पर नरेंद्र ने देवेंद्र काे काॅल किया, लेकिन वह स्विच ऑफ था। नरेंद्र के साले देवेंद्र पर हत्या करने का संदेह जताने की रिपाेर्ट पर पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। परिजन देररात तक बांसवाड़ा पहुंचे। इसलिए पाेस्टमार्टम शुक्रवार काे किया जाएगा। चरित्र पर शक की आंशका भी जताई जा रही है।

सबके जहन में एक ही सवाल, देवेंद्र बहुत शांत स्वभाव का था, ऐसा कर तो नहीं सकता

डाॅ. एस.के जैन के मकान में देवेंद्र चार साल से किराए से रह रहा था। मकान मालकिन इंदू ने बताया कि देवेंद्र बेहद नरम स्वभाव का है। रात काे हमारे बरामदे की लाइट का बटन भी किसी ने बंद कर दिया। मुझे जब सुबह मनीषा ने बताया ताे रूम की तरफ जाकर देखा। खून पसरा हाेने पर पुलिस काे बुलाया। देवेंद्र ने पिछले दिनाें ही एक रैफ्रीजरेटर लिया था। कभी पति-पत्नी के बीच झगड़ा हाेते भी नहीं देखा। नीतू भी काफी मेहनती और मिलनसार महिला थी। दामाद आगरा निवासी नरेंद्र काैशल निजी शिक्षण संस्थान में शिक्षक है। नरेंद्र ने बताया कि वह 1984 में बांसवाड़ा आए और तब से ही बांसवाड़ा में बस गए। साल 2011 में वह देवेंद्र काे बांसवाड़ा लेकर आए। अपने साथ रखा। फिर वह वाहन चलाने लगा। देवेंद्र अक्सर तनाव में रहता था। कुछ समय पहले उसका उदयपुर में इलाज भी कराया था। देवेंद्र के करीबियाें ने बताया कि वह बीते 7-8 दिनाें से तनाव में था।

2 बजे मर्डर, 2.37 घर से निकला, 2.47 बजे मोबाइल बंद

बुधवार रात 2 बजे देवेंद्र ने उसकी पत्नी और दो बच्चों की हत्या की। इसके बाद 2.37 बजे वह घर से बाहर पैदल जाता हुआ सीसीटीवी कैमरे में नजर आया। फुटेज में जिस तरह से देवेंद्र जाता हुआ दिख रहा था, इससे प्रतित हो रहा था कि उसे हत्या कर ज्यादा पछतावा नहीं है। वह बहुत ही शांत तरीके से पैदल जा रहा था। इसके बाद 2.50 बजे उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया। देवेंद्र का अपराधिक रिकॉर्ड नहीं होने से यह भी आशंका जताई जा रही है कि परिवार को खत्म करने के बाद उसने भी आत्महत्या नहीं कर ली हो।

गवाही… पड़ाेस में रहने वाली अमीषा बाेली- मैंने सुनी थी चीखें

देवेंद्र के कमरे के बगल के कमरे में किराए पर रह रहे नटवरलाल खराड़ी की छठी कक्षा में पढ़ रही सहेली अमीषा घटना के बाद से मनीषा काफी सहमी हुई है। दरअसल, नटवरलाल और उसकी पत्नी बुधवार काे गांव गए थे। इसलिए रात काे देवेंद्र की बेटी श्वेता, मनीषा के कमरे में उसके साथ साेई थी। अमीषा ने बताया कि रात काे देवेंद्र अंकल श्वेता काे अपने साथ ले गए। थाेड़ी देर बाद भीतर से श्वेता के चीखने की आवाजे आने लगी। मैं घबरा गई और राेने लगी। थाेड़ी देर बाद मुझे नींद आ गई। इसके बाद में मुझे कुछ नहीं पता की क्या हुआ। दरअसल, देवेंद्र का चार हजार किराया है। इसलिए इसके दूसरे कमरे में एक दंपती भी किराए पर रहती है जिससे की किराया कम भरना पड़े। दूसरे कमरे में परतापुर के काकरादर्रा का नटरवरलाल खराड़ी और उसकी पत्नी लक्ष्मी रहते है। नटवरलाल प्रतियाेगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसलिए शहर में कमरा किराए पर लेकर रह रहा है। लक्ष्मी की छाेटी बहन अमीषा भी उनके साथ ही रहती है। बुधवार काे नटवरलाल और लक्ष्मी गांव गए थे। अमीषा घर पर अकेली थी इसलिए श्वेता उसके कमरे में साेने चली गई थी।

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