एक ही दिन होगा नवमी पूजन और दशहरा, ये है विजय मुहूर्त का समय

इस बार शक्ति की उपासना के पर्व शारदीय नवरात्रि के समापन पर नवमी पूजन और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजया दशमी पर रावण दहन एक ही दिन होगा। इसके चलते जहां सुबह माता की विदाई होगी वही शाम को जगह-जगह बुराई के प्रतीक रावण का दहन किया जाएगा। ज्योर्तिविदों के अनुसार इस बार 25 अक्टूबर को उदया तिथि में नवमी और अपरान्ह व्यापनी तिथि दशमी होगी। उदया तिथि में नवमी होने से शक्ति के उपासक कुल परंपरानुसार इस दिन नवमी पूजन कर माता को विदाई देंगे जबकि अपरान्ह व्यापनी तिथि दशमी रहेगी इसलिए रावण दहन के साथ शस्त्र पूजन भी किया जाएगा। ज्योर्तिविद् विजय अड़ीचवाल के मुताबकि शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 17 अक्टूबर शनिवार को हुई। सभी प्रमुख पंचागों में अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 11.32 बजे तक बताई गई है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी जो 25 अक्टूबर रविवार को दोपहर 11.52 बजे तक रहेगी। इसकी बाद दशमी तिथि प्रारंभ होगी जो 26 अक्टूबर को सुबह 11.27 बजे तक रहेगी। शास्त्रों में उल्लेख है कि दशहरा अपरान्ह व्यापनी तिथि में मनाना शास्त्र सम्मत है। इसके चलते 25 अक्टूबर को दशहरा भी होगा। इस दिन ही विजय मुहूर्त दोपहर 2.02 से 2.47 बजे तक रहेगा। धर्मसिंधु के अनुसार महाअष्टमी उदय काल में घटी मात्र हो तो नवमी युक्त ग्रहण करना चाहिए। अतः 24 अक्टूबर को अष्टमी सुबह 11:32 बजे तक है। इसके चलते 24 अक्टूबर शनिवार को दुर्गा अष्टमी मनाना शास्त्र सम्मत है। हालांकि कई लोग कुल परंपरानुसार 24 अक्टूबर को भी नवमी पूजन करेंगे।

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