Uttarakhand Glacier Burst: पुल टूटने से अलग हुए 13 गांव, राहत सामग्री पहुंचाई जा रही

उत्तराखंड के चमौली के रैणी इलाके में धौली गंगा और ऋषि गंगा नदियां में तबाही का मंजर मचा है। ग्लेशियर के टूटते ही नदियां ऑवरफ्लो होकर उफान पर हैं। तेज रफ्तार से आए इस सैलाब ने तबाही मचा डाली। इस हादसे में एक जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे करीब 170 श्रमिक लापता हो गए। अभी तक 14 लोगों को इस भयावह हादसे में मारे जाने की खबरें है।
ग्लेशियर हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का बड़ा बयान आया है। उन्होने कहा कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था। इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे। अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता है। मैंने अपने मुख्य सचिव से बात की है यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों का पता लगाया जाएगा।
वायुसेना से जुड़े लोगों ने बताया कि तपोवन विष्णुगाढ़ हाइड्रो पॉपर प्लांट पूरी तरह से तहस नहस हो गया है। पिछली रात को भी रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी रहा। हेलीकॉप्टर्स से भी राहत और बचाव कार्य किए जा रहे हैं। रेस्क्यू टीमें देहरादून से जोशीमठ पहुंच रही हैं। इसके अलावा ITBP के 300 से अधिक जवान काम में जुटे हुए हैं। अभी तक 25 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है। इनमें से 16 लोग जो एक टनल में फंसे हुए थे उनको भी बचाव दलों ने बाहर निकाला है।