West Bangal के मुसलमान ममता का साथ छोड़ क्या ओवैसी का दामन थामेंगे?

West Bangal
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी के कुछ घंटों के औचक पश्चिम बंगाल दौरे ने राज्य में पहले से गरमाती सियासत में एक नया उफ़ान पैदा कर दिया है.

ओवैसी बेहद गुपचुप तरीक़े से रविवार को अचानक कोलकाता पहुँचे और सीधे हुगली ज़िले के श्रीरामपुर में मुसलमानों के पवित्र ज़ियारत स्थल फुरफुरा शरीफ़ गए.

वहाँ ज़ियारत के बाद उन्होंने पीरज़ादा अब्बास सिद्दीक़ी के साथ बैठक की और अगले विधानसभा चुनावों में उनके साथ मैदान में उतरने का एलान किया.

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राज्य में चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बाद ओवैसी का यह West Bangal का पहला दौरा था. ओवैसी के इस एलान ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है.

पश्चिम बंगाल में क़रीब 30 फ़ीसद अल्पसंख्यक टीएमसी का सबसे मज़बूत वोट बैंक रहे हैं. अब ओवैसी के मैदान में उतरने से इस वोट बैंक में सेंध का ख़तरा पैदा हो गया है.

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