केरल में 266 कोरोना एक्टिव केस, एक माह में 52 प्रतिशत संक्रमण बढ़ा

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के मामले 4.50 करोड़ के पार हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 24 घंटे में 752 नए मामले दर्ज किए गए हैं। 325 लोग ठीक हुए, जबकि संक्रमण के कारण 4 लोगों की मौत हुई है। देश में एक्टिव मामलों की संख्या 3 हजार 420 है। एक दिन पहले यह आंकड़ा 2 हजार 998 था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केरल राज्य में सर्वाधिक 565 केस मिले हैं। 2 लोगों की मौत हुई है। इनमें 297 ठीक हुए हैं जबकि 266 लोगों का इलाज चल रहा है। एक्टिव केस के मामले में केरल के बाद कर्नाटक 70 केसेस के साथ दूसरे नंबर पर है। कर्नाटक और राजस्थान में एक-एक मौत दर्ज की गई है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार पिछले एक महीने में दुनियाभर में कोरोना के मामलों में 52त्न का इजाफा हुआ है। 19 नवंबर से 17 दिसंबर के बीच 8 लाख 50 हजार केस रिपोर्ट हुए हैं और 3 हजार मौतें हुई हैं। हालांकि इस एक महीने के दौरान मृत्यु दर 8 फीसदी घटी है। इसका मतलब पिछले महीने कोरोना से 8 प्रतिशत ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा था।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना का नया जेएन-1 वैरिएंट अब तक 41 देशों में फैल चुका है। फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, कनाडा और स्वीडन में जेएन-1 के मामले सबसे ज्यादा हैं। भारत में 22 दिसंबर तक नए वैरिएंट के 23 मामले मिले हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सभी मामले हल्के लक्षण वाले हैं। केंद्र सरकार ने नए वैरिएंट को लेकर 18 दिसंबर को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की। इसमें सभी राज्यों को ज्यादा से ज्यादा कोविड टेस्ट करने को कहा गया है। केंद्र ने पॉजिटिव सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लैब भेजने का निर्देश दिया है।

केरल में कोविड-19 का मामला बढऩे के कारण वहां भी एडवाइजरी जारी की गई है। यहां 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों, किडनी, हृदय, लिवर जैसी बीमारियों से पीडि़त लोगों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली मांओं को बाहर जाने पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल के मुताबिक 8 दिसंबर को केरल के तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला जेएन-1 वैरिएंट सामने आया था। 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि बाद में वह ठीक हो गई।

कोविड के सब-वैरिएंट जेएन-1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह सभी देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।