बस-डंपर भिडंत, 13 यात्री जिंदा जले, 15 घायल

मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

गुना। मध्य प्रदेश के गुना जिले में बुधवार रात आरोन जा रही यात्री बस और डंपर की भिडंत हो गई जिससे बस में सवार 13 यात्रियों की जिंदा जलने से मृत्यु हो गई वहीं करीब 15 यात्री झुलस और घायल हो गए। हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर दुख जताया और जांच के आदेश दिए।

जानकारी के अनुसार बुधवार रात गुना से यात्री बस आरोन की ओर जा रही थी। इस दौरान करीब 20 किमी आगे घूम घाटी पर सामने आ रहे डंपर ने बस को टक्कर मार दी जिससे बस पलट गई और उसमें आग लग गई। अचानक हुए हादसे से यात्री कुछ समझ भी नहीं पाए। आग ने विकराल रूप ले लिया और कुछ ही देर में बस आग का गोला बनती दिखाई दी।

बस में चीख पुकार मच गई। कोई खुद को तो कोई अपनों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा था लेकिन जो बस में फंस गए या किसी कारण नहीं निकल पाए वे बस में लगी आग से जिंदा ही जल गए। हादसे में 13 यात्रियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई वहीं करीब 15 यात्री झुलस और घायल हो गए।

हादसे के बाद आसपास के लोग, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी। हादसे के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी हादसे पर गहरा दुख जताते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही कहा कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार पीडि़त परिवारों के साथ है। उन्होंने प्रशासन को घायल यात्रियों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के साथ ही दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

फस्र्ट पर्सन…हमारा परिवार खत्म करने का प्लान

बस-डंपर हादसे के बाद यात्री आरोन निवासी श्रीराम ओझा ने बताया कि परिवार की 5 महिलाएं मारपीट के मामले में गुना जेल में बंदी थीं। बुधवार शाम को जमानत मिलने पर वे महिलाओं के साथ बस से आरोन लौट रहे थे। जब बस से डंपर टकराया तो काफी जोर से बम फटने जैसी आवाज आई।

टक्कर के बाद बस पलट गई और बस में आग लग गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरे थे। कई लोगों को मैंने बाहर निकाला, लेकिन अपनी पुत्री को नहीं बचा पाया। जानबूझकर यह हादसा कराया गया। हमारी फैमिली खत्म करने की प्लानिंग है।

गौरतलब है कि आरोन रोड पर जिस बस का हादसा हुआ वह भानु प्रताप सिंह सिकरवार निवासी चौधरन कॉलोनी के नाम रजिस्टर्ड थी। 15 साल से भी अधिक पुरानी थी। इसकी फिटनेस तक रिन्यू नहीं थी। आरटीओ की वेबसाइट पर बस के परमिट का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।